हजारीबाग: जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र अंतर्गत कराली बेला गांव में छठ महापर्व की खुशियां रविवार को मातम में बदल गईं। छठ पूजा की तैयारियों के बीच घर की दो नन्हीं बच्चियां नहाने के लिए तालाब गईं, जहां डूबने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना से पूरे गांव में मातम का माहौल है और छठ की रौनक पूरी तरह फीकी पड़ गई है।
परिजनों ने बताया कि घर में खरना की तैयारियां चल रही थीं। इसी बीच रूपा तिवारी (12 वर्ष), पिता रवि तिवारी, और गुनगुन कुमारी (11 वर्ष), पिता अनिल तिवारी, नहाने के लिए पास के तालाब गईं। कुछ देर बाद जब वे वापस नहीं लौटीं, तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की और तालाब में उनका शव मिलने पर कोहराम मच गया।
घटना की सूचना मिलते ही दोनों बच्चियों को आनन-फानन में केरेडारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में कुछ स्वास्थ्यकर्मी ताश खेल रहे थे और समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल सकी। इसके बाद दोनों को बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सा प्रभारी डॉ. अविनाश कुमार ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
मृतक गुनगुन कुमारी अपने नाना संत कुमार तिवारी के घर छठ पूजा में शामिल होने आई थी। उन्होंने कहा, “पोती मायके आई थी ताकि छठ में शामिल हो सके, लेकिन किसे पता था कि यह उसके जीवन का आखिरी दिन होगा। हमारी सारी खुशियां मातम में बदल गईं।”
घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है। उनका कहना है कि अगर केरेडारी अस्पताल में डॉक्टर मौजूद होते, तो दोनों बच्चियों की जान बचाई जा सकती थी। लोगों ने अस्पताल प्रशासन और चिकित्सा प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। छठ का पावन पर्व, जो आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है, इस परिवार के लिए अब एक असहनीय दुख की याद बनकर रह गया।
हजारीबाग: छठ की खुशियां मातम में बदली, तालाब में नहाने गई दो बच्चियों की डूबने से मौत














