गढ़वा: झारखंड सरकार की कैबिनेट की बैठक में 63 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इनमें से एक विशेष निर्णय वकीलों को पेंशन देने का है, जिससे झारखंड देश का पहला राज्य बनेगा जो वकीलों को पेंशन प्रदान करेगा। इस फैसले को लेकर सरकारी अधिवक्ता गढ़वा, परेश कुमार तिवारी ने कहा कि माननीय हेमंत सोरेन ने राज्य के विकास के साथ साथ सभी वर्गों के हित में ऐतिहासिक कार्य किया है। माननीय मुख्यमंत्री के कार्य से यह कह सकते हैं कि झारखंड राज्य के गठन के 23 वर्षों में हेमंत सोरेन सबसे बेहतर मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने 7 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री अधिवक्ता संवाद कार्यक्रम में किए सभी वादों को 6 सितंबर को पूरा करने का काम किया है।
आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मंत्री परिषद की बैठक में तीन महत्वपूर्ण स्वीकृति प्रदान की है। इनमें झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति के अंतर्गत निबंधित अधिवक्तागण में से 65 वर्ष से अधिक उम्र के इच्छुक अधिवक्तागण को लाइसेंस सरेंडर करने पर 14 हजार रुपए प्रतिमाह झारखंड सरकार पेंशन उपलब्ध करायेगी। झारखंड में कार्यरत सभी 30 हजार अधिवक्ताओं को 5 लाख रूपये का मेडिकल इंश्योरेंस और नये अधिवक्ताओं को निबंधन के साथ 5 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड देने की स्वीकृति प्रदान की है।
परेश तिवारी ने कहा कि उक्त कार्यक्रम में गढ़वा जिला की ओर से उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष अधिवक्ता हित में सात सूत्री मांगों को रखा था। मौके पर ही मुख्यमंत्री ने सभी मांगों को पूरा करने का घोषणा किया था।
ज्ञात हो कि रिटायर्ड अधिवक्ताओं को झारखंड बार काउंसिल कल्याण कोष से मिलने वाले पेंशन के बराबर की राशि सरकार द्वारा अनुदान के रूप में भुगतान की मांग की गई थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने इस पर विचार करने की घोषणा सीएम एडवोकेट संवाद में की थी। सात सूत्री मांगों में से नोटरी पब्लिक के चयन के लिए पूर्व में ही झारखंड के लोकप्रिय सरकार द्वारा विज्ञापन प्रकाशित कर दिया गया है। वहीं कोर्ट फीस की बढ़ोतरी को नवंबर 2023 से ही झारखंड सरकार ने घटाकर आम जनमानस को राहत देने का काम किया है। अतः 6 सितंबर को अधिवक्ता कल्याण दिवस घोषित करना चाहिए।
इस मौके पर गढ़वा जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री परशुराम तिवारी जी,श्री नरेंद्र पाण्डेय जी,एवम वर्तमान जिला अधिवक्ता संघ के कार्यकारणी सदस्य श्री अमरेंद्र कुमार जी,राजीव पांडे जी,एवम वरिष्ठ अधिवक्ता श्री लालजी नाथ पाठक,श्री अनिल पाठक ,श्री ललित कुमार पाण्डेय,श्री विजय पाण्डेय ,श्री जयप्रकाश नारायण सिन्हा,परवेज शाहिद,कासिम खान,श्री प्रेमचंद तिवारी,श्री रविशंकर दुबे,श्री संजीव कुमार पांडेय,श्री शशिभूषण तिवारी,श्री करुणा निधि तिवारी,श्री मृणालमंजुल पाण्डेय,श्री अवध किशोर चौबे,श्री दिग्विजय सिंह,श्री मुकेश सिंह ,सुश्री तृप्ति,श्री अनूप ठाकुर,श्री देवेन्द्र ठाकुर, मो.अफजल,श्री रामचंद्र भगत,श्री गोपेश कृष्ण सिन्हा,श्री प्रणव कुमार,श्री सत्यम पाल,श्री दिलीप कुमार,श्री अभय तिवारी,श्री महेश रंजन श्रीवास्तव,श्री जितेन्द्र यादव,श्री प्रत्युष प्रतिक एवं अन्य सैकडो सम्मानित अधिवक्तागण मौजूद थे ।