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झारखंड वार्ता

चंडीगढ़:- आवारा जानवरों से जुड़ी घटनाओं में लोगों को मुआवजा देने के लिए राज्य को मुख्य रूप से जिम्मेदार मानते हुए, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है कि कुत्ते के काटने से संबंधित मामलों में, वित्तीय सहायता न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति दांत होगी। वहीं, यदि निशान और जहां त्वचा से मांस खींच लिया गया है और 0.2 सेमी तक घाव हो गया है तो, न्यूनतम 20,000 रुपये देने होंगे।

चार महीनों के अंदर मुआवजा देना होगा

193 याचिकाओं का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्यों के अलावा चंडीगढ़ को इस तरह के मुआवजे का निर्धारण करने के लिए समितियां बनाने के लिए कहा है। ये समितियां संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों की अध्यक्षता में गठित की जाएंगी। खास बात यह है कि इन समितियों को एप्लिकेशन के रिसीव होने व जांच के बाद 4 महीनों के अंदर-अंदर मुआवजा राशि जारी करनी होगी।

पुलिस को डीडीआर दर्ज करने के निर्देश

हाईकोर्ट ने शिकायत मिलने पर पुलिस को भी डीडीआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट की तरफ से जारी आदेश अनुसार जानवरों (आवारा/जंगली/पालतू) के कारण होने वाली किसी भी घटना या दुर्घटना के बारे में शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित थाने के SHO को बिना किसी अनुचित देरी के एक डेली डायरी रिपोर्ट (DDR) दर्ज करनी होगी। पुलिस अधिकारी के किए गए दावे की जांच करेगा और गवाहों के बयान दर्ज करेगा। घटनास्थल का रिपोर्ट तैयार करेगा। रिपोर्ट की कॉपी दावेदार को भी दी जाएगी।