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साहिबगंज के तत्कालीन डीसी पर हाईकोर्ट ने लगाया 50 हजार का जुर्माना

On: February 12, 2025 6:38 PM
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रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने साहिबगंज जिले के पूर्व उपायुक्त द्वारा पत्थर खनन लीज रद्द करने के फैसले को गलत ठहराते हुए उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह आदेश चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान दिया।

साहिबगंज में एक कंपनी को पत्थर खनन का लीज मिला था, जिसे उपायुक्त द्वारा बिना किसी नोटिस या सूचना के रद्द कर दिया गया। कंपनी के मालिक प्रकाश यादव उर्फ मुंगेरी यादव ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने उपायुक्त के आदेश को निरस्त कर दिया।कोर्ट ने कहा कि खनन लीज रद्द करने का अधिकार उपायुक्त के पास नहीं, बल्कि राज्य सरकार के पास है।उपायुक्त ने बिना सुनवाई का मौका दिए खनन लीज रद्द किया, जो न्याय के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है।उपायुक्त पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसे याचिकाकर्ता को देने का निर्देश दिया गया।

याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने अदालत में दलील दी कि लघु खनिज नियमावली के तहत उपायुक्त को यह अधिकार नहीं था।उपायुक्त ने रॉयल्टी न देने जैसे आरोप लगाकर लीज रद्द किया, जबकि ऐसा करने से पहले कंपनी को सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए था।इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि बिना उचित प्रक्रिया अपनाए कोई भी प्रशासनिक अधिकारी खनन लीज रद्द नहीं कर सकता।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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