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रांची: कथित जमीन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांच बार पूछताछ के लिए बुलाए जाने के लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के जोनल ऑफिस में पेश नहीं हुए उन्होंने मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन रहने का हवाला दिया है। इसी मामले में उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के समन को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है। इसी मामले में बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट ने ED के समन के खिलाफ CM हेमंत सोरेन की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई टालते हुए अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को निर्धारित की है।

जानें इडी के समन की चुनौती देने वाले रिट‌ याचिका पर हाई कोर्ट में क्या हुआ

सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने कहा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं हैं। न ही उनपर जांच एजेंसी ईडी ने कोई एफआईआर दर्ज की है, इसलिए उन्हें समन भेजा जाना सही नहीं है।पी. चिदंबरम ने कहा कि एजेंसी सोरेन को गवाह के रूप में बुला रही है या फिर आरोपी के रूप में, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने हाईकोर्ट से ईडी की ओर से भेजे जा रहे समन पर रोक लगाने का आग्रह किया। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान चिदंबरम हाइब्रिड मोड में जुड़े थे। इसके अलावा पीयूष चित्रेश ने भी बहस में सहयोग किया।दूसरी ओर ईडी की ओर से उपस्थित वरीय अधिवक्ता ने कहा कि यह प्रिडिकेट ऑफेंस का मामला है। उन्होंने कहा कि सोरेन की ओर से पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 50 और 63 को चुनौती दी गई, जिसे विजय मदनलाल चौधरी के केस में सुप्रीम कोर्ट पहले ही तय कर चुका है।

जबकि ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया एसवी राजू ने पक्ष रखा।

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