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Holashtak 2025: फाल्गुन का महीना शुरू हो गया है। इसी माह में होली का त्यौहार मनाया जाता है। इसके पहले से ही 8 दिनों तक होलाष्टक मनाया जाता है जिसमें ग्रहों की चाल बदलती रहती है। इन दिनों में शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है। ऐसा कहा जाता है कि इन 8 दिनों में कोई भी मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि इस दौरान नेगेटिव शक्तियां बहुत उग्र होती हैं, और शुभ कार्य पूरे नहीं हो पाते हैं। इस दिन कामदेव को भगवान शिव ने भस्म किया था, क्योंकि भगवान शिव की तपस्या तोड़ने के लिए कामदेव ने अपने पांच बाण उन पर छोड़े थे। उनकी तपस्या इसलिए तोड़ी जानी थी, जिससे उनका विवाह माता पार्वती से हो जाए। लेकिन तपस्या भंग होने से नाराज शिवजी ने अपनी आंख खोली और तीसरी आंख खोलने से कामदेव भस्म हो गए थे।

इस साल 2025 में होलाष्टक आज यानी 7 मार्च से शुरू हो गया है। जिसका समापन 13 मार्च को होलिका दहन के दिन होगा। उसके अगले दिन 14 मार्च को होली मनाई जाएगी।

होलाष्टक के दौरान क्या करें?

होलाष्टक के दौरान घर में शांति, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा के लिए हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं।जरूरतमंदों और गरीबों को भोजन, कपड़े का दान कर सकते हैं। होलाष्टक के दौरान अपने पूर्वजों से आशीर्वाद लेने के लिए पितृ तर्पण कर सकते हैं। होलाष्टक के दौरान ग्रह शांति पूजा कर सकते हैं।

होलाष्टक के दौरान क्या ना करें?

होलाष्टक के दौरान शादी, विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश या कोई नया बिजनेस खोलना वर्जित माना जाता है।होलाष्टक के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और नामकरण जैसे 16 संस्कारोंं पर रोक लग जाती है।होलाष्टक के दौरान कोई नया कार्य जैसे नए घर का निर्माण आदि शुरू नहीं करना चाहिए।होलाष्टक के दौरान सोना, चांदी या वाहन की खरीदारी से बचें। इस अवधि में कीमती धातुओं, संपत्ति या वाहनों की खरीद अशुभ मानी जाती है। होलाष्टक के दौरान नवविवाहित को मायके में रहने की सलाह दी जाती है।

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