Blue Dogs in Chernobyl: नीला कुत्ता, सुनने में यह किसी फैंटेसी फिल्म का सीन लगता है। लेकिन यह हकीकत है, और जगह वही… चेर्नोबिल, जहां 1986 की परमाणु त्रासदी ने दुनिया को हिला दिया था। सालों बाद भी यह भूमि इंसानों को नहीं, बल्कि अपने रहस्यों को जन्म दे रही है। इस बार रहस्य है- नीले रंग के कुत्ते।
चेर्नोबिल में दिखे नीले कुत्ते
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें चेर्नोबिल क्षेत्र में कुछ कुत्ते नीले फर के साथ दिखाई दिए। यह वीडियो देखकर दुनिया भर में खलबली मच गई। ‘डॉग्स ऑफ चेर्नोबिल (Dogs of Chernobyl)’ संस्था के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने तीन ऐसे कुत्तों को देखा जिनका फर पूरी तरह नीला था। हैरानी की बात यह है कि यह बदलाव अचानक देखा गया, पहले इन कुत्तों का रंग सामान्य था।
संस्था के विशेषज्ञों का कहना है कि संभावना है कि ये कुत्ते किसी रेडिएशन प्रभावित क्षेत्र या किसी रासायनिक पदार्थ के संपर्क में आए हों। हालांकि फिलहाल यह केवल अनुमान है। वैज्ञानिक इन कुत्तों के फर के सैंपल लेकर जांच कर रहे हैं, ताकि सही कारण का पता लगाया जा सके।

39 साल बाद भी चेर्नोबिल के गहरे निशान
जब 1986 में विस्फोट हुआ था, तब लोग जान बचाकर भागे और अपने पालतू जानवरों को पीछे छोड़ गए। वही जानवर आज तीसरी–चौथी पीढ़ी तक पहुँच चुके हैं और आसपास के जंगलों में रह रहे हैं। हर साल ‘क्लीन फ्यूचर्स फंड (Clean Futures Fund)’ इन आवारा कुत्तों की देखभाल करता है। लगभग 700 कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और भोजन की व्यवस्था की जाती है।
सोशल मीडिया पर हलचल
नीले कुत्तों की तस्वीरें सामने आते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। किसी ने लिखा,”चेर्नोबिल अब भी जिंदा है”, तो किसी ने कहा, “ये नीले कुत्ते इंसानी लापरवाही की जिंदा मिसाल हैं”। लाखों व्यूज़ और हजारों कमेंट्स इस बात की गवाही देते हैं कि चेर्नोबिल का डर और रहस्य आज भी लोगों के मन में ताज़ा है।
बड़ा सवाल अभी भी बाकी
क्या यह रेडिएशन का असर है? या किसी केमिकल की प्रतिक्रिया? या फिर प्रकृति का कोई दुर्लभ चमत्कार? वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आने का इंतज़ार है, लेकिन एक बात साफ है। चेर्नोबिल आज भी दुनिया को चौंकाने की ताकत रखता है।













