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झारखंड पेसा एक्ट: कैसे सशक्त होंगी अनुसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभाएं? जानिए नियमावली में क्या है प्रावधान

On: December 24, 2025 12:17 PM
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रांची: झारखंड सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में पेसा नियमावली (पंचायत उपबंध, अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम) को मंजूरी दे दी गई। इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ ही राज्य के आदिवासी और अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभाओं को व्यापक अधिकार और जिम्मेदारियां मिल गई हैं। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद राज्य के 15 अनुसूचित जिलों में स्थानीय स्वशासन की दिशा में सरकार ने पेसा नियमावली पर मुहर लगाकर बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही अधिसूचना जारी होने की संभावना है।


कैबिनेट की इस बैठक में कुल 39 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई, जिनमें पेसा नियमावली को लागू करना सबसे अहम फैसला माना जा रहा है।


खनन और जमीन अधिग्रहण पर ग्रामसभा की सहमति अनिवार्य
पेसा नियमावली लागू होने के बाद अब अनुसूचित क्षेत्रों में खनन कार्य और भूमि अधिग्रहण ग्रामसभा की पूर्व स्वीकृति के बिना नहीं हो सकेगा। इससे स्थानीय समुदायों को अपनी जमीन, जल और जंगल पर सीधा अधिकार मिलेगा और बिना सहमति विकास परियोजनाएं लागू नहीं की जा सकेंगी।


शराब दुकान खोलने में ग्रामसभा की भूमिका अहम


नई नियमावली के तहत अब झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में देसी या विदेशी शराब की दुकान ग्रामसभा की अनुमति के बाद ही खोली जा सकेगी। यदि ग्रामसभा किसी क्षेत्र में शराब दुकान खोलने का विरोध करती है, तो वहां दुकान खोलना संभव नहीं होगा। ग्रामसभा के निर्णयों की अवहेलना कर शराब दुकान खोलने पर रोक रहेगी।


छोटे अपराधों की सुनवाई करेगी ग्रामसभा


पेसा नियमावली के तहत ग्रामसभा को न्यायिक भूमिका भी सौंपी गई है।


अब ग्रामसभा निम्नलिखित मामलों की सुनवाई कर सकेगी:


घर में चोरी
मवेशी चोरी
भूमि कब्जे का प्रयास
सामान्य विवाद
हल्की मारपीट जैसे मामले


इससे गांव स्तर पर ही विवादों का समाधान संभव होगा और पुलिस-प्रशासन पर निर्भरता कम होगी।


स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों पर ग्रामसभा की निगरानी


ग्रामसभा को अब पंचायत स्तर के स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन पर निगरानी का अधिकार दिया गया है।


इसके तहत ग्रामसभा, शिक्षकों, डॉक्टरों और पारा मेडिकल कर्मियों के कार्यों की समीक्षा करेगी लापरवाही या अनियमितता की स्थिति में कार्रवाई की अनुशंसा कर सकेगी

जल संसाधन और मछली पालन पर ग्रामसभा का नियंत्रण


पेसा नियमावली के अनुसार एक एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले जल स्रोतों पर ग्रामसभा का पूर्ण नियंत्रण होगा। मछली पालन करने या न करने का निर्णय ग्रामसभा लेगी। तालाब से निकली मछली के उपयोग और वितरण का फैसला भी ग्रामसभा ही करेगी। यह व्यवस्था ग्रामीण आजीविका को मजबूत करने में सहायक होगी।


लघु वन उपज और स्थानीय विकास योजना में ग्रामसभा की भूमिका


ग्रामसभा को अब लघु वन उपज (महुआ, तेंदू पत्ता, साल बीज आदि) के संग्रह, उपयोग और प्रबंधन का अधिकार, स्थानीय क्षेत्र विकास योजना तैयार करने, जल, जंगल और जमीन के संरक्षण से जुड़े फैसले लेने की शक्ति भी दी गई है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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