मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में शनिवार को सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने अयोध्या की बाबरी मस्जिद के मॉडल पर आधारित एक बड़े मस्जिद परिसर का शिलान्यास किया। आयोजन स्थल और आसपास के पूरे क्षेत्र को राज्य पुलिस, RAF और केंद्रीय बलों की तैनाती के कारण हाई-सिक्योरिटी ज़ोन में बदल दिया गया था।
सुबह से ही रेजीनगर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंच पर कबीर के साथ मौलवी मौजूद थे। ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर’ के नारे लगते रहे और कई लोगों ने अपने सिर पर ईंटें उठाकर मस्जिद निर्माण के लिए प्रतीकात्मक दान दिया। हालांकि, जहां मंच लगाया गया था, वास्तविक निर्माण स्थल उससे लगभग एक किलोमीटर दूर था। कार्यक्रम में 2 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटी।
यह कार्यक्रम 6 दिसंबर को आयोजित किया गया, वही तारीख जिस दिन 1992 में अयोध्या में बाबरी ढांचा ढहा दिया गया था, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और तीखी हो गईं।
उपासना स्थल बनाना संवैधानिक अधिकार
निलंबन के बाद पहली बार बड़े मंच से बोलते हुए कबीर ने कहा कि मस्जिद का निर्माण किसी भी हाल में होगा। उन्होंने दावा किया, मैं कोई असंवैधानिक कार्य नहीं कर रहा। उपासना स्थल बनाना हमारा संवैधानिक अधिकार है। बाबरी मस्जिद जरूर बनेगी।
कबीर ने यह भी कहा कि उन्हें इस घोषणा के बाद धमकियां मिल रही हैं, लेकिन वह पीछे हटने वाले नहीं हैं।
80 करोड़ की फंडिंग का दावा, 300 करोड़ के मेगा प्रोजेक्ट की योजना
कबीर ने परियोजना को सिर्फ मस्जिद तक सीमित न बताते हुए बताया कि पूरा परिसर 25 बीघा में फैलेगा, जबकि मुख्य मस्जिद 3 कट्ठा जमीन पर बनेगी। उन्होंने कहा कि एक उद्योगपति ने 80 करोड़ रुपये देने का वादा किया है, जबकि एक स्थानीय डॉक्टर पहले ही 1 करोड़ रुपये दान कर चुके हैं। पूरी परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 300 करोड़ रुपये बताई गई।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक उपस्थिति और माहौल
कार्यक्रम में सऊदी अरब के धार्मिक नेता भी उपस्थित थे, जिससे मंच पर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक उपस्थिति का माहौल बना रहा। पूरे कार्यक्रम के दौरान लाउडस्पीकर पर कुरान की आयतें गूंजती रहीं।
कबीर ने कहा, 33 साल पहले मुसलमानों के दिलों पर गहरा घाव लगा था। आज हम उस घाव पर मरहम लगा रहे हैं।
सियासत गर्म
इस आयोजन ने बंगाल की राजनीति में नई करवट ला दी है। भाजपा ने आरोप लगाया कि टीएमसी 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले गुप्त रूप से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही है। टीएमसी ने तुरंत पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कबीर अब स्वतंत्र एजेंट की तरह काम कर रहे हैं और उन्हें पार्टी ने सांप्रदायिक राजनीति में शामिल होने के कारण निलंबित किया है। टीएमसी नेताओं ने स्पष्ट किया कि पार्टी कबीर की राजनीति का समर्थन नहीं करती और उनकी गतिविधियां राजनीतिक रूप से अस्वीकार्य है।
हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखी, ईंट लेकर पहुंचे थे समर्थक














