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मनिका: मनरेगा के टीसीबी योजना के नाम पर करोड़ों रुपए की अवैध उगाही

On: June 16, 2024 3:34 PM
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लातेहार: मनिका प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा योजना के नाम पर घूसखोरी का खेल लगातार जारी है। अधिकारियों एवं मनरेगा कर्मियों के मिली भगत से मनिका ब्लॉक को लूट का अड्डा बना दिया गया है। क्षेत्र वासियों का छोटा काम हो या बड़ा लेकिन अधिकारियों को बिना चढ़ावा चढ़ाए कोई भी काम पूरा नहीं होता है। कुछ योजनाओं में तो चढ़ावा चढ़ाने के बाद भी काम नहीं किया जा रहा है और ना ही लोगों के पैसे वापस किए गए हैं।

ऐसा ही एक मामले के विषय में मनिका पश्चिम क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य बलवंत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया है। मौके पर ज़िला परिषद सदस्य बलवंत सिंह ने बताया कि मनिका ब्लॉक को बीडीओ और बीपीओ के संरक्षण में पूर्व से ही घूसखोरी का चारागाह बना दिया गया है। हाल में लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू किया गया था। जिससे पूर्व में मनरेगा योजना अंतर्गत लगभग 2800 टीसीबी के नाम पर क्षेत्र के 15 पंचायत के लाभुकों से लगभग 1 करोड़ 40 लाख रुपए की अवैध उगाही किया गया है। लेकिन आचार संहिता समाप्त होने के बाद भी लाभुकों का टीसीबी आज तक शुरू नहीं हुआ है। जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता है। कि मनिका ब्लॉक में अफसर शाही हावी है। बीडीओ,बीपीओ और मनरेगा कर्मियों ने मनमानी करके ब्लॉक को चारागाह बना दिया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना में मुख्य रूप से प्रखंड विकास पदाधिकारी व कार्यक्रम पदाधिकारी की जवाबदेही होती है। इसके बावजूद अगर ब्लॉक में कोई भी अधिकारी घूस ले रहा है। तो कहीं ना कहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी की इसमें संलिप्ता है।

ब्लॉक के अधिकारी आखिर किसके संरक्षण से बेखौफ होकर आम जनता से अवैध पैसे की उगाही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनिका ब्लॉक में इस तरह के अफसर शाही और मनमानी का मैं हमेशा से विरोध करते आया हूं। उन्होंने लातेहार उपायुक्त से मामले को गंभीरता पूर्वक जांच करते हुए संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई का मांग किया है।

मेरे कार्यकाल का नहीं है मामला : बीपीओ

वहीं मामले के विषय में जानकारी लेने के लिए जब वर्तमान मनरेगा बीपीओ मनिका केतन गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में एक भी टीसीबी का एंट्री नहीं किया गया है। यह मामला पूर्व बीपीओ के कार्यकाल का है।

Satyam Jaiswal

सत्यम जायसवाल एक भारतीय पत्रकार हैं, जो झारखंड राज्य के रांची शहर में स्थित "झारखंड वार्ता" नामक मीडिया कंपनी के मालिक हैं। उनके पास प्रबंधन, सार्वजनिक बोलचाल, और कंटेंट क्रिएशन में लगभक एक दशक का अनुभव है। उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से शिक्षा प्राप्त की है और विभिन्न कंपनियों के लिए वीडियो प्रोड्यूसर, एडिटर, और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है। जिसके बाद उन्होंने झारखंड वार्ता की शुरुआत की थी। "झारखंड वार्ता" झारखंड राज्य से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करती है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

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