सूरज वर्मा (झारखंड वार्ता)
केतार (गढ़वा)। झारखंड वार्ता अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित खबर का असर आखिरकार देखने को मिला। वर्षों से बंद पड़ा मुकुन्दपुर पंचायत स्थित मुकुंदपुर शाखा डाकघर बुधवार को पुनः खोल दिया गया। डाकघर खुलते ही पंचायत मुखिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और खुशी जाहिर की। ग्रामीणों ने इसे मीडिया की ताकत और जनहित की जीत बताया।
ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय से पोस्ट ऑफिस बंद रहने के कारण पत्राचार, मनीऑर्डर, बैंकिंग सेवाओं और जरूरी दस्तावेज भेजने के लिए उन्हें दूर-दराज के क्षेत्रों में जाना पड़ता था। इससे सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों, महिलाओं, विद्यार्थियों और छोटे किसानों को हो रही थी। कई बार जरूरी कार्य समय पर नहीं हो पाने से लोगों को आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
खबर के बाद हरकत में आया विभाग
गौरतलब है कि बीते 27 दिसंबर (शनिवार) को झारखंड वार्ता अखबार में मुकुन्दपुर शाखा डाकघर के वर्षों से बंद पड़े रहने को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी। खबर सामने आने के बाद डाक विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई करते हुए बुधवार को शाखा डाकपाल (बीपीएम) संजय खिचड़ा की उपस्थिति में डाकघर को पुनः खोल दिया गया।

डाकघर खुलने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और इसे जनसमस्याओं के समाधान में मीडिया की अहम भूमिका बताया।
पंचायत मुखिया ने जताया आभार, रखी मांग
इस मौके पर पंचायत मुखिया मुगा साह ने कहा कि मीडिया के माध्यम से ग्रामीणों की आवाज प्रशासन तक पहुंची, जिसके बाद विभाग ने संज्ञान लिया। उन्होंने इसके लिए झारखंड वार्ता अखबार का आभार व्यक्त किया।
साथ ही मांग की कि मुकुन्दपुर पोस्ट ऑफिस का संचालन नियमित रूप से हो, पोस्ट बॉक्स की समुचित व्यवस्था की जाए और स्थायी रूप से कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ग्रामीणों को दोबारा परेशानी न हो।
लापरवाही पर आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि यदि आगे डाकघर संचालन में लापरवाही बरती गई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। हालांकि फिलहाल वर्षों बाद डाकघर खुलने से मुकुन्दपुर पंचायत में खुशी और संतोष का माहौल है।
ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि यह घटना साबित करती है कि जब जनसमस्याएं मीडिया के माध्यम से सामने आती हैं, तो प्रशासन और विभागों को कार्रवाई करनी ही पड़ती है।











