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महुआडांड़ (लातेहार): महुआडांड़ प्रखंड में नरेगा योजनाओं में अनियमितता की सूचना पर झारखंड नरेगा वॉच के संयोजक सह झारखंड स्टेट सोशल ऑडिट कार्यकारिणी समिति के सदस्य जेम्स हैरेंज ने योजना स्थलों का दौरा किया। जांच के संबंध में बताया कि झारखंड में मनरेगा के तहत बरसा हरित बागवानी योजना कानून के अनुसूची 1 पैरा 5 में परिभाषित परिवारों को ही योजना का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड व पंचायतों में नियमों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाई जा रही है। कई भूमिहीन लोगों के नाम से योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

मंजूर हसन जिनका महुआडांड़ में सिर्फ मकान है, अन्य कोई भूमि इनके पास नहीं है, लेकिन इनके भी नाम से बागवानी योजना पारित कर मजदूरी मद से 1 लाख 34 हजार रुपए की निकासी कर ली गई है। वही सफी अहमद जो बिरसा चौक में गाड़ी गैरेज का दुकान चलाते हैं, उनके नाम से बागवानी योजना में 1 लाख 38 हजार रुपए की निकासी की गई है। जबकि यह खुद एक किराए के मकान में रहते हैं और गेराज चलाते हैं उनके पास मजदूरी के लिए समय नहीं होता। इसी तरह इलियास अहमद जिनका महुआडांड़ में सिर्फ डेढ़ डिसमिल जमीन है, जिसमें उनका घर बना हुआ है उनके नाम से भी बागवानी योजना स्वीकृत कर 1लाख 24 हजार रुपए की निकासी की गई है।

वही साबरा बीबी पति उस्मान अंसारी के नाम से योजना स्वीकृत है। जबकि यह परिवार किराए के मकान में रहता हैं। वही इन लभूकों का कहना है कि हमें सिर्फ मजदूरी की बात बताई गई है। योजना के लाभुक हम स्वयं है इसकी जानकारी हम लोगों को नहीं है। वही उपरोक्त सभी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रखंड स्थित संत जेवियर कॉलेज परिसर में बिचौलियों खुर्शीद खान के द्वारा कराया गया है। जांच के संबंध में झारखंड स्टेट सोशल ऑडिट कार्यकारी समिति के सदस्य जेम्स हेरेंज ने बताया कि योजना की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है, जो उपयुक्त सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को समर्पित की जाएगी।