Refined Oil Side Effects: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना बहुत आवश्यक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जब बात आहार के पौष्टिकता की आती है तो इसमें खाने के स्वस्थ तेल को भी शामिल किया जाना चाहिए। हम किस तरह के तेल का सेवन करते हैं, इसका सेहत पर सीधा असर होता है। अध्ययनों में ऑलिव ऑयल को कई प्रकार की बीमारियों के जोखिमों कम करने वाला पाया गया है, वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं रिफाइंड तेल उतना ही हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है।
केरल आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी ऑफ रिसर्च सेंटर की ताजा पड़ताल ने सनसनी फैला दी है। रिपोर्ट के अनुसार रिफाइंड तेल दुनिया-भर में हर साल करीब 20 लाख लोगों की अकाल मृत्यु के पीछे अहम कारण बन रहा है। रिफाइंड तेल तैयार करने की रासायनिक प्रक्रिया, जिसमें बीजों को छिलके सहित दबाकर निकाला जाता है और फिर काॅस्टिक सोडा, सल्फर व तेजाब से “शुद्ध” किया जाता है, तेल को पोषण की जगह जहर का घोल बना देती है। उच्च तापमान पर बार-बार गर्म किया गया यही तेल दिल-दिमाग की रक्त धमनियों में सूजन और रुकावट पैदा करता है। साथ ही प्लाज्मा ट्राइग्लिसराइड 150% तक बढ़ा देता है।
आइए जानते हैं कि रिफाइंड तेल के सेवन से हमारी सेहत पर क्या दुष्प्रभाव हो सकता है?
• हृदयाघात व हार्ट ब्लॉकेज • लकवा व ब्रेन स्ट्रोक • टाइप-2 डायबिटीज़ • उच्च रक्त चाप • कोलेस्ट्रॉल असंतुलन • नपुंसकता व बांझपन • कैंसर (प्रोस्टेट, ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल) • हड्डी व जोड़ क्षय • किडनी व लिवर फेल्योर
• त्वचा रोग-पस पड़ने तक की स्थिति
शोधकर्ताओं ने बताया कि रिफाइंड ऑयल में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार के फैट्स को हृदय रोगों और कैंसर को बढ़ावा देने वाला पाया गया है। इस तरह के जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस तरह के तेलों का सेवन कम या बिल्कुल न करने की सलाह देते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए खाने में स्वस्थ और पौष्टिक तेलों का सेवन किया जाना चाहिए। शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑलिव ऑयल, सोयाबीन तेल और सरसों के तेल हमारी सेहत के लिए लाभकारी हो सकते हैं, खाने में हमेशा उसी तेल को शामिल किया जाना चाहिए जो कोलेस्ट्रॉल और हानिकारक वसा फ्री हों। कुछ अध्ययनों में सूरजमुखी के तेल को भी सेहत के लिए हानिकारक पाया गया है।
आज ही स्वस्थ तेल (ऑलिव ऑयल, सोयाबीन तेल और सरसों) चुनकर आप न सिर्फ अपने दिलो-दिमाग को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि अगली पीढ़ी को भी एक स्वस्थ विरासत दे सकते हैं।