बीजापुर: छत्तीसगढ़ पुलिस को नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। बीजापुर जिले में गुरुवार को 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का ऐलान किया। सरेंडर करने वालों में 22 महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से कई नक्सली लंबे समय से संगठन में सक्रिय पदों पर तैनात थे और कई बड़ी नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं।
सरेंडर करने वाले 49 नक्सलियों पर कुल 1.63 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से डिविजनल कमेटी सदस्य लच्छु पूनेम ऊर्फ संतोष, प्लाटून पार्टी कमेटी सदस्य गुड्डू फरसा ऊर्फ विजय, भीमा सोढी ऊर्फ कमल सिंह, कंपनी नंबर-10 की सदस्य हिडमे फरसा ऊर्फ मीना और कंपनी नंबर-1 की सदस्य सुखमती ओयाम पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनके अलावा 4 नक्सलियों पर पाँच-पाँच लाख, 15 नक्सलियों पर दो-दो लाख, 10 नक्सलियों पर एक-एक लाख, 12 नक्सलियों पर 50-50 हजार और तीन पर 10-10 हजार का इनाम था।
इधर, जवानों की कार्रवाई से बौखलाए नक्सलियों ने बीजापुर और सुकमा जिलों में दो ग्रामीणों की हत्या कर दी। दोनों पर मुखबिरी का शक था। वहीं गंगालूर क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हो गया, जिसका शव और हथियार बरामद कर लिए गए हैं। मृतक की शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है।
2024-25 का आंकड़ा
छत्तीसगढ़ पुलिस के आँकड़ों के अनुसार इस साल अब तक 421 नक्सली गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि 410 ने आत्मसमर्पण किया है। वहीं, 137 नक्सली विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए हैं। 1 जनवरी 2024 से अब तक 924 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, 599 ने आत्मसमर्पण किया और 195 मारे गए।
सरकार की नीति से बदल रहा माहौल
छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति और “नियद नेल्लानार” योजना ने नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास का रास्ता खोला है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विजयादशमी के मौके पर एक्स पर पोस्ट कर कहा –
“धर्म और न्याय की विजय का प्रतीक यह पर्व प्रदेश में हिंसा और भ्रम के अंधकार पर विकास और सुशासन की विजय का भी प्रतीक बन गया है। हमारी सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने लाल आतंक के रास्ते से भटके लोगों के दिलों में विश्वास जगाया है। पूना मारगेम अभियान से प्रेरित होकर बीजापुर में 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।”
सरकार का दावा है कि आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और विकास योजनाओं के कारण नक्सली अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं और क्षेत्र में स्थायी शांति की ओर बड़ा कदम उठाया गया है।
छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल सरेंडर: एक साथ 103 नक्सलियों ने डाले हथियार; 1.63 करोड़ का था इनाम; मुठभेड़ में एक नक्सली भी हुआ ढेर

