झारखंड वार्ता संवाददाता
गढ़वा। गढ़वा सदर एसडीएम संजय कुमार ने सोमवार और मंगलवार को डंडई क्षेत्र के औचक निरीक्षण के दौरान एक संदिग्ध अल्ट्रासाउंड केंद्र और एक मेडिकल स्टोर को बंद करा दिया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि बिना किसी मान्यता, लाइसेंस और तकनीकी योग्यता के दोनों प्रतिष्ठान संचालित किए जा रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, एसडीएम को लंबे समय से संदेह था कि डंडई बाजार में संचालित सना अल्ट्रासाउंड सेंटर और सना मेडिकल एजेंसी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। मंगलवार को जब वे क्षेत्र भ्रमण पर थे, तभी उन्होंने देखा कि एसडीएम की गाड़ी गुजरते ही केंद्र के संचालक भागने लगे। शक होने पर एसडीएम ने तुरंत कार्रवाई की और दो युवकों को मौके से पकड़ लिया।

पूछताछ में युवकों ने अपना नाम सुमन यादव (आठवीं पास) और राकेश कुमार (दसवीं पास) बताया, जो दोनों ग्राम रारो, डंडई के निवासी हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि वही अल्ट्रासाउंड केंद्र और मेडिकल स्टोर में बैठते हैं और सेवाएं प्रदान करते हैं।
पहले तो दोनों युवकों ने यह कहकर गुमराह करने का प्रयास किया कि हम केवल सहायता के लिए बैठते हैं, असली डॉक्टर और टेक्नीशियन बाद में आते हैं।
लेकिन मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों — मोहम्मद इस्लाम, जियाउद्दीन, अखिलेश समेत कई ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यही दोनों लोग रोजाना केंद्र और दुकान में बैठकर काम करते हैं।

जब एसडीएम ने अल्ट्रासाउंड सेंटर से जुड़े रजिस्टर, लाइसेंस या डॉक्टर का प्रमाण मांगा, तो कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
केंद्र संचालक दिनेश कुमार ने बताया कि “यहां डॉ. प्रियंका रानी अल्ट्रासाउंड का कार्य करती हैं। लेकिन जब एसडीएम ने तत्काल फोन पर डॉक्टर से बात कराने को कहा, तो उन्होंने बताया कि उनके पास संपर्क सूत्र नहीं है।
संदेह और अव्यवस्था को देखते हुए एसडीएम संजय कुमार ने मौके पर ही दोनों प्रतिष्ठानों — सना अल्ट्रासाउंड सेंटर और सना मेडिकल एजेंसी — में अगले आदेश तक के लिए ताला बंद करवा दिया।

साथ ही उन्होंने आदेश दिया कि जब तक सिविल सर्जन और ड्रग इंस्पेक्टर की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक केंद्र व दुकान नहीं खोले जाएंगे। जानकारी के अनुसार, ये दोनों प्रतिष्ठान परवेज अंसारी और शमीम अंसारी के नाम पर हैं, जो निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद नहीं मिले।
एसडीएम ने कही सख्त बात
एसडीएम संजय कुमार ने कहा, जिले में कई जगह बिना मानक और बिना पंजीकरण के अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित हो रहे हैं। यह न केवल गैरकानूनी है, बल्कि मरीजों की जान से खिलवाड़ भी है। स्वास्थ्य विभाग को इस पर गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि ऐसे सभी केंद्रों की सूची तैयार कर सिविल सर्जन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके।














