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झारखंड में 108 एंबुलेंस ठप! ई-रिक्शा में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, मरीजों को हो रही भारी परेशानी

On: July 29, 2025 5:04 PM
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झारखंड वार्ता

रांची/डेस्क । झारखंड राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े चालकों और सहचालकों ने वेतन और अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसका असर राजधानी रांची सहित कई जिलों में देखने को मिला है।

हड़ताल का दर्दनाक असर उस समय देखने को मिला जब एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। परिजनों को मजबूरी में उसे ई-रिक्शा से सदर अस्पताल लाना पड़ा। लेकिन रास्ते में ही महिला ने ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दे दिया।

धनबाद में 150 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर
धनबाद जिले में संचालित 47 एंबुलेंस सेवाएं पूरी तरह ठप पड़ी हैं। यहां करीब 150 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। कर्मियों ने आरोप लगाया है कि कंपनी पिछले छह महीनों से वेतन का भुगतान नहीं कर रही है। इसके अलावा एंबुलेंस की नियमित मेंटेनेंस और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र (ज्वाइनिंग लेटर) तक नहीं दिया गया है।

14 दिन पहले दी थी प्रशासन को सूचना

कर्मियों ने बताया कि उन्होंने 14 दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग और जिले के उपायुक्त को हड़ताल की लिखित सूचना दे दी थी, लेकिन किसी ने उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। अंततः वे आंदोलन करने को मजबूर हुए हैं।

मांगों को लेकर अड़े कर्मी

कर्मियों की मुख्य मांगों में नियमित वेतन भुगतान, वाहन की मेंटेनेंस व्यवस्था, औपचारिक नियुक्ति पत्र और कर्मचारियों को बीमा व अन्य सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं शामिल हैं। जब तक इन मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी गई है। इस हड़ताल से राज्यभर में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। आम जनता को इलाज के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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