लातेहार: झारखंड की स्वास्थ्य और सड़क व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। लातेहार जिले के पोचरा पंचायत के टेंगरा पत्थर गांव में 55 वर्षीय जितनी देवी का पैर फिसलकर टूट गया। लेकिन सड़क और एंबुलेंस सुविधा के अभाव में उनके परिजनों को उन्हें लकड़ी की झल्सी पर लादकर अस्पताल तक ले जाना पड़ा।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि गांव तक सड़क न होने के कारण वाहन नहीं पहुंच सका। मजबूर होकर दोनों बेटों ने अपनी मां को चार किलोमीटर पैदल चलकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुँचाया।
घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि नेताओं और अधिकारियों द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। ग्रामीणों ने कहा कि “यहां पर 25 साल हो गए हैं, अभी तक सड़क नहीं बन पाई।”
ग्रामीणों ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से मांग की है कि गांव तक सड़क और एंबुलेंस सुविधा जल्द उपलब्ध कराई जाए, ताकि भविष्य में किसी भी मरीज को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।
इस मामले को लेकर NHAI सांसद प्रतिनिधि छोटू राजा ने कहा कि यह झारखंड की शर्मनाक हकीकत है। उन्होंने कहा कि “2025 में भी यदि लोग इलाज के लिए अपने परिजनों को बाँस की झल्सी में ढोने को मजबूर हैं, तो यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है।”
लातेहार में वेंटिलेटर पर सिस्टम, घायल महिला को लकड़ी की झल्सी के सहारे पहुंचाया अस्पताल














