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फाइनेंसर को वश में करने के लिए मैंने पान में छिपाकर ख‍िलाया था ‘इंसान का मांस’, महेश भट्ट के खुलासे से भड़के लोग

On: October 5, 2025 5:48 PM
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नई दिल्ली: मशहूर फिल्ममेकर महेश भट्ट ने अपने करियर के शुरुआती संघर्षों की एक चौंकाने वाली कहानी साझा की है। बेटी पूजा भट्ट के होस्ट किए कार्यक्रम ‘द पूजा भट्ट शो’ में महेश ने बताया कि जब वे 20 की उम्र में एक युवा प्रोड्यूसर के रूप में संघर्ष कर रहे थे, उस समय एक तांत्रिक के कहने पर उन्होंने एक फाइनेंसर को इंसान का मांस खिलाया और बावजूद सब प्रयासों के, उन्हें वित्तीय मदद नहीं मिली। अब जबसे महेश ने ये किस्सा सुनाया है, तबसे ही लोग सोशल मीडिया पर उन्हें बुरी तरह ट्रोल कर रहे हैं।

बनारस, तांत्रिक और जाना-पहचाना उपाय

महेश के मुताबिक यह घटना तब की है जब वे और उनके दोस्त अरुण देसाई करियर के आरंभिक दौर में थे। अरुण ने उन्हें गया (बिहार) में मिलने के लिए कहा और रास्ते में बनारस के एक गुरु से मिलने का प्रस्ताव रखा। महेश बताते हैं कि बनारस के उस साधक के पास गरीबी, भीड़ और अजीबोगरीब वेश—विन्यास था: वह युवक तांत्रिक था, अक्सर रम की बोतल लेकर नाचता रहता था और उसके पास दरबार जैसा माहौल था।

तांत्रिक ने अगले दिन एक ‘उपाय’ देने का वादा किया। महेश ने याद करते हुए बताया कि तांत्रिक ने एक रैपर में लिपटा हुआ छोटा टुकड़ा निकाला और कहा कि वह घाट से निकाला गया इंसान का मांस है और इसे फाइनेंसर को खिलाने पर वह उन्हें पैसे दिलवा देगा। महेश ने बताया कि उस समय उन्हें ऐसा लग गया जैसे किस्मत बदलने की चाबी मिल गई हो।

योजना और अमल

महेश ने कहा कि वे और अरुण गया के पास स्थित उस फाइनेंसर से मिलने गए, जो एक ज़मींदार के रूप में बाहर में रहता था और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम थे। अपनी रिस्क भरी योजना के तहत उन्होंने मांस के टुकड़े को पान के अंदर छिपाकर जमींदार को खिलाने का फैसला किया। थोड़ी मनाने के बाद जमींदार ने वह पान खाया और चबाया भी तब महेश और अरुण को लगा कि उनका निशाना सफल रहा। इसके बाद वे वापस चले गए, उम्मीदों से भरे कि अब मदद मिल जाएगी।

उम्मीदें टूटीं

लेकिन महेश ने कहा कि वे जब अगले दिन दोस्त से मिले तो पता चला कि फाइनेंसर ने उन्हें कभी कोई आर्थिक मदद नहीं की। महेश ने इस अनुभव को अपने करियर के सबसे अजीब दौरों में से एक कहा। एक ऐसा समय जब न तो रणनीति सफल हुई और न ही प्रेरणास्त्रोत ने वादा पूरा किया।

महेश की टिप्पणी और भावुक इशारे

पूजा के साथ बातचीत में महेश ने यह भी जताया कि उस समय उनकी हालत कितनी विकट थी। उम्मीदें, डर, और आर्थिक तंगी के दबाव ने उन्हें ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। महेश के शब्दों में यह अनुभव एक अजीबोगरीब दौर था जिसने उनके जीवन और सोच पर असर डाला।

संदर्भ

यह बयान महेश भट्ट ने ‘द पूजा भट्ट शो’ के हालिया एपिसोड में दिए। पोर्टल के पाठकों के लिए यह कहानी न सिर्फ फ़िल्मी दुनिया के चमक दमक के पीछे के संघर्षों को दर्शाती है, बल्कि उन दबावों का भी आईना है जो युवा कलाकार और प्रोड्यूसर अपनी प्रतिभा और जॉब सुरक्षा के नाम पर सहते हैं।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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