पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के साथ होगा खेला! 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को डबल झटका देने की तैयारी
पंजाब:एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद यह कहकर आम आदमी पार्टी में खलबली मचा दी है कि दिल्ली में हुए लूट का माल लूटने वालों को वापस लौटाना होगा। कैग की रिपोर्ट आते ही कार्रवाई शुरू हो जाएगी। वहीं घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन हो गया है।
दिल्ली शराब नीति घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर CBI का शिकंजा कसता जा रहा है। CBI ने इस मामले में तेजी लाने के लिए अदालत से मुकदमे की जल्द सुनवाई की अनुमति मांगी है। 3 फरवरी, 2025 को CBI की विशेष अदालत ने केजरीवाल और सिसोदिया के वकीलों को निर्देश दिया कि वे मुकदमे के दस्तावेजों की समीक्षा जल्द पूरी करें ताकि सुनवाई जल्द शुरू की जा सके। CBI ने अदालत को बताया कि वह 23 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
वहीं दिल्ली के एल जी ने आदेश जारी कर दिया है कि नई सरकार बनने तक दिल्ली सचिवालय से कोई कागज या डिजिटल उपकरण या पार्ट्स बाहर नहीं जाएगा। सचिवालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
वहीं चर्चा अभी है कि आम आदमी पार्टी के लिए डबल झटका लगने वाला है दिल्ली में हुए कई घोटाले में एक ओर आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के फिर से जेल जाने की की संभावना है।
गौरतलब है कि शराब घोटाले के मामले में केजरीवाल और सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की आबकारी नीति में बदलाव कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया और निजी शराब विक्रेताओं को फायदा दिलाया। इस नीति से हुए आर्थिक लाभ का कथित तौर पर गोवा चुनाव में इस्तेमाल किया गया।
वहीं दूसरी ओर खबर यह भी आ रही है कि अब पंजाब में भी उसकी सरकार खतरे में नजर आ रही है। दिल्ली के चुनावी नतीजों के बाद पंजाब में कांग्रेस, AAP की सरकार गिराने की रणनीति बना रही है। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया है कि सत्तारूढ़ AAP के करीब 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं और वे पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
बाजवा ने यह भी कहा कि यह संपर्क पिछले एक साल से बना हुआ है और पार्टी के अंदर असंतोष गहराता जा रहा है। बाजवा का यह भी दावा है कि अरविंद केजरीवाल खुद पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए वह भगवंत मान को पद से हटाने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि आगामी उपचुनाव में केजरीवाल पंजाब से चुनाव लड़ सकते हैं। बाजवा के मुताबिक, केजरीवाल इस कदम के जरिए अपने करीबियों को सत्ता में बनाए रखने और केंद्रीय एजेंसियों की जांच से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वरिंग ने भी AAP पर हमला करते हुए कहा कि पंजाब में AAP सरकार का भविष्य अंधकारमय है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में AAP की हार कांग्रेस के लिए ‘आपदा में अवसर’ जैसी स्थिति लेकर आई है और अब पार्टी AAP के ‘पंजाब मॉडल’ और ‘दिल्ली मॉडल’ की असफलताओं को उजागर कर जनता के बीच जाएगी।
हालांकि, AAP ने इन तमाम दावों को खारिज किया है। पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि AAP पूरी तरह से एकजुट है और कांग्रेस अपने घटते जनाधार से घबराई हुई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन 2022 से भी खराब रहेगा।
बहरहाल पंजाब में सरकार बचाने की चुनौती और दिल्ली में कानूनी संकट के बीच AAP के लिए भविष्य आसान नहीं दिख रहा। एक ओर कांग्रेस पंजाब में AAP सरकार गिराने की रणनीति बना रही है, तो दूसरी ओर केजरीवाल और सिसोदिया पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि AAP इन चुनौतियों का कैसे सामना करती है।
- Advertisement -