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दो साल की बच्ची से रेप और हत्या मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोषी की दया याचिका की खारिज, मौत की सजा पर लगी अंतिम मुहर

On: December 14, 2025 9:19 PM
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नई दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र के जालना जिले में वर्ष 2012 में दो वर्षीय मासूम बच्ची के अपहरण, दुष्कर्म और निर्मम हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए रवि अशोक घुमारे को अब किसी भी स्तर पर राहत नहीं मिलेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उसकी दया याचिका को खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति भवन के अनुसार, यह निर्णय 6 नवंबर 2025 को लिया गया।

25 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद यह तीसरा अवसर है जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किसी दोषी की दया याचिका अस्वीकार की है।

सुप्रीम कोर्ट पहले ही ठहरा चुका है अपराध को ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’

इस जघन्य अपराध में सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2019 को दोषी को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा था। तत्कालीन न्यायमूर्ति सूर्यकांत (जो वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया था।

बहुमत का फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और (अब सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन ने कहा था कि आरोपी अपनी कामुक इच्छाओं पर कोई नियंत्रण नहीं रखता था और उसने अपनी यौन भूख शांत करने के लिए सभी प्राकृतिक, सामाजिक और कानूनी सीमाओं को लांघ दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि आरोपी ने उस मासूम जीवन को बेरहमी से खत्म कर दिया जो अभी दुनिया को देखना भी शुरू नहीं कर पाया था। अदालत ने कहा, ‘दो वर्षीय बच्ची के साथ अप्राकृतिक यौन अपराध एक घिनौनी और विकृत मानसिकता को दर्शाता है। यह केवल अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं के साथ विश्वासघात है।’

अदालत ने यह भी कहा कि जिस उम्र में बच्ची को पिता तुल्य प्रेम, सुरक्षा और स्नेह मिलना चाहिए था, उसी उम्र में उसे वासना का शिकार बनाया गया।

चार–पांच घंटे तक किया गया अमानवीय अत्याचार

राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, दया याचिका पर विचार करते समय इस तथ्य को गंभीरता से लिया गया कि पीड़िता मात्र दो वर्ष की थी। आरोपी ने बच्ची का अपहरण कर करीब चार से पांच घंटे तक उसके साथ बर्बरता की, जिससे अंततः उसकी मौत हो गई।

चॉकलेट का लालच देकर किया था अपहरण

अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह दिल दहला देने वाली घटना 6 मार्च 2012 को महाराष्ट्र के जालना शहर के इंदिरा नगर इलाके में हुई थी। आरोपी रवि अशोक घुमारे ने मासूम बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अगवा किया और फिर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया।

हर स्तर पर सजा बरकरार

16 सितंबर 2015: निचली अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई

जनवरी 2016: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा

3 अक्टूबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को सही ठहराया

6 नवंबर 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दया याचिका खारिज की


न्याय की अंतिम सीढ़ी भी पार, अब शेष नहीं कोई राहत

राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के साथ ही दोषी के पास अब किसी भी संवैधानिक या कानूनी मंच पर राहत पाने का कोई विकल्प नहीं बचा है। यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में अंतिम कदम माना जा रहा है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराध करने वालों के लिए कानून में कोई नरमी नहीं है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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