जमशेदपुर : गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन वर्तमान समय में शैक्षणिक, सांस्कृतिक, कलात्मक व दार्शनिक धरोहर का वैश्विक केंद्र है, जो प्राकृतिक परिवेश में मानवीय मूल्यों को महसूस करने, सीखने व आत्मसात करने की समृद्ध परंपरा को बढ़ावा देता है। शांति निकेतन स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी के नौ युवा कलाकारों के दल ने शुक्रवार को बंगाल क्लब स्थित नंदलाल बोस आर्ट गैलरी में 3 दिवसीय आर्ट प्रदर्शनी “चितरंग” का शुभारंभ किया।

प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता तरुण कुमार, वरिष्ठ कलाकार विप्लव राय व शिवेंदु विश्वास ने दीप प्रज्वलित कर किया।

प्रदर्शनी में विश्व भारती विश्वविद्यालय के कलाकार सायोनी मित्रा, संपूर्णना मंडल, अभिषेक मंडल, राजकुमार हलधर, श्रेया दत्ता, अर्पण मंडल, सूरज दास, शुभोजीत बाउरी, तनुश्री बनर्जी के द्वारा बनाई गई लगभग दो दर्जन कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है, जिसमें ग्रामीण परिवेश, भारत की समृद्ध कला विरासत, मॉडर्न आर्ट, समसामयिक पहलुओं पर आधारित पेंटिंग शामिल है।

शुभारंभ कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण श्रेया दत्ता के द्वारा प्रस्तुत कला नाटिका भी रही, कला नाटिका में मनुष्य रूपी कलाकार प्लास्टिक पर चित्र बनाते हुए अपनी दुनिया रचता है, जिसमें जंगल और शहर दोनों दिख पड़ते है, जनजीवन में प्लास्टिक की प्रमुखता दिखती है, धीरे धीरे इंसान और प्रकृति प्लास्टिक की दुनिया में फंसकर दम तोड़ देता है। कला नाटिका बताती है कि हम प्लास्टिक का उपयोग कम करने की बात तो करते है, लेकिन इसे व्यवहार में नहीं लाते। यह आदत समूची दुनिया के लिए विनाशकारी है।

“चितरंग आर्ट प्रदर्शनी 10 से 12 अक्टूबर तक चलेगी, सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक शहरवासी नंदलाल बोस गैलरी आकर युवा कलाकारों की कृतियों के माध्यम से शांतिनिकेतन के कला परिवेश को महसूस कर सकते है।

कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर अतिथियों ने लौहनगरी जमशेदपुर आकर शांतिनिकेतन के कला संस्कृति से रूबरू करवाने के कलाकारों के प्रयासों की सराहना की।










