रांची। आगामी 9 सितंबर को प्रस्तावित भारत के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। उम्मीदवार सांसदों से समर्थन जुटाने में सक्रिय हैं। इसी क्रम में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी शनिवार को रांची पहुँचे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर समर्थन की अपील की।
कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेड्डी ने हाथ में संविधान की प्रति लेकर कहा कि यह चुनाव केवल हार-जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है। उन्होंने भरोसा जताया कि सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर इंडिया गठबंधन के पक्ष में मतदान करेंगे।
देश की स्थिति किसी से छिपी नहीं
रेड्डी ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से सांसदों को फोन कर और पत्र लिखकर समर्थन मांग चुके हैं। उन्होंने कहा, “यदि सांसद मुझे योग्य समझेंगे तो निश्चित रूप से समर्थन देंगे।”
इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाकर अनावश्यक रूप से परेशान किया गया। “उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाया गया है। यह लोकतंत्र पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।”
चुनाव आयोग और SIR प्रक्रिया पर सवाल
रेड्डी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची शुद्धिकरण (SIR) प्रक्रिया पर कई तरह के संदेह हैं और आयोग को पारदर्शी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुमत का मतलब यह नहीं कि जनता पर जबरन कानून थोपे जाएँ। ऐसा करना संविधान और लोकतंत्र दोनों के लिए खतरा है।
130वां संविधान संशोधन बिल पर टिप्पणी
रेड्डी ने हाल ही में संसद में पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन बिल को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इसे जल्दबाजी में लाया गया और अब इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया है। “जब समिति की रिपोर्ट आएगी, तब इस पर गंभीर चर्चा होगी।”
हेमंत सोरेन बोले – चुनाव बेहद महत्वपूर्ण
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपराष्ट्रपति चुनाव को देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी रणनीतियाँ बना रहे हैं। “इंडिया गठबंधन की ओर से हमारे प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी हैं। हम सब मिलकर रणनीति बना रहे हैं कि उन्हें विजय कैसे दिलाई जाए।”
उपराष्ट्रपति चुनाव: समर्थन जुटाने रांची पहुंचे इंडिया गठबंधन प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी, बोले- यह लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है

