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नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार 17 जुलाई को ओडिशा तट के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों – पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। अग्नि-1 मिसाइल का परीक्षण पहले अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जबकि कुछ समय बाद पृथ्वी-2 मिसाइल को चांदीपुर स्थित आईटीआर के लॉन्च पैड नंबर-3 से दागा गया। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इन परीक्षणों के दौरान सभी संचालनात्मक और तकनीकी मानकों की पुष्टि की गई। यह परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड की देखरेख में किया गया।

पृथ्वी-2 मिसाइल की खासियत

पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल को स्वदेशी तरीके से विकसित किया है। पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है। पृथ्वी-2 500 से 1,000 किलोग्राम भार तक के हथियारों को लेकर जाने में सक्षम है। सतह से सतह पर साढ़े तीन सौ किलोमीटर मार करने वाली मिसाइल है। इसमें लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग किया गया है। मिसाइल में एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा है जो अपने लक्ष्य को आसानी से मार गिरा सकता है। यह परमाणु हथियार के लिए डिज़ाइन की गई है। इस मिसाइल की मोबाइल लॉन्चर से तुरंत तैनाती संभव है। पृथ्वी डीआरडीओ द्वारा निर्मित पहली मिसाइल है।

अग्नि-1 मिसाइल की खासियत

अग्नि-1 मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर तक की है। इस मिसाइल का भार 12 टन है और यह 1,000 किलो के परमाणु हथियार को अपने साथ ले जा सकती है। अग्नि 1 मिसाइल को उन्नत सिस्टम प्रयोगशाला ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और रिसर्च सेंटर इमरात के साथ मिलकर विकसित किया है। मिसाइल को हैदराबाद स्थित भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने पूरा किया है। इस मिसाइल को सबसे पहले साल 2004 में सेवा में लिया गया था। जमीन से जमीन पर वार करने वाली इस मिसाइल को सॉलिड प्रॉपलैंट्स द्वारा बनाया गया है। पड़ोसी देश चीन और पाकिस्‍तान की बढ़ती ताकत को देखते हुए अग्नि-1 की यह टेस्टिंग भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है।

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