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सुरक्षा रणनीति में नया अध्याय: भारत बनाएगा स्पेशल फोर्स, संयुक्त युद्ध सिद्धांत का खाका तैयार

On: September 8, 2025 3:04 PM
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नई दिल्ली: भारत की सुरक्षा रणनीति में एक बड़ा कदम उठाते हुए सेना, वायुसेना और नौसेना की स्पेशल फोर्सेज के लिए संयुक्त युद्ध सिद्धांत (Joint Doctrine for Special Forces) तैयार किया गया है। इस साझा दस्तावेज का मकसद देश की एलीट कमांडो यूनिट्स—आर्मी की स्पेशल फोर्सेज, वायुसेना की गरुड़ कमांडो फोर्स और नौसेना के मार्कोस—के बीच समन्वय और तालमेल को और मजबूत करना है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई इस कवायद में तीनों सेनाओं की एलीट फोर्स की तैयारी का हर पहलू स्पष्ट किया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद तैयार हुआ खाका

सूत्रों के मुताबिक, यह पहल हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद तेज़ हुई। इस अभ्यास ने यह स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति में तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्सेज को साझा रणनीति और एकीकृत कार्रवाई की ज़रूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए विस्तृत युद्ध सिद्धांत बनाया गया है।

सिद्धांत में क्या है खास?

दस्तावेज़ में यह तय किया गया है कि:

• दुश्मन देश या उसकी शह पर पल रहे आतंकी यदि भारत विरोधी गतिविधि करते हैं, तो इन कमांडोज़ की त्वरित भूमिका क्या होगी।

• युद्धकाल में इनकी कार्रवाई किस रूप में होगी।

• शांतिकाल में इनकी ज़िम्मेदारी और उपयोग कैसे तय होगा।

• दुश्मन के सामरिक महत्व वाले ठिकानों और आर्थिक ढांचे पर प्रहार की रणनीति।


इसका मूल उद्देश्य यह है कि भारत के कमांडोज़ में ‘डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक’ यानी दुश्मन के क्षेत्र में भीतर घुसकर सटीक वार करने की क्षमता और अधिक विकसित की जा सके।

वैश्विक स्पेशल फोर्सेज से प्रेरणा

नई संयुक्त रणनीति का स्वरूप विश्व की कुछ सबसे खतरनाक स्पेशल फोर्सेज से प्रेरित है। अमेरिका की डेल्टा फोर्स और नेवी सील्स अपने गुप्त अभियानों और सटीक हमलों के लिए जानी जाती हैं। रूस की स्पेत्सनाज़ और इज़राइल की सयरेट मतकाल भी गहराई में जाकर मिशन पूरा करने की क्षमता के कारण विश्व में खौफ पैदा करती हैं।

भारतीय सेनाओं की यह नई संयुक्त रणनीति इन्हीं मानकों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित खतरे का सामना करने में कमांडोज और भी अधिक घातक और प्रभावी बन सकें।

रणनीतिक महत्व

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह युद्ध सिद्धांत आने वाले समय में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की रीढ़ साबित होगा। इससे तीनों सेनाओं के बीच न केवल ऑपरेशनल तालमेल बेहतर होगा बल्कि देश की आर्थिक और सामरिक सुरक्षा भी और मजबूत होगी।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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