यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द, ग्रैंड मुफ्ती के ऑफिस ने की पुष्टि

On: July 29, 2025 7:23 AM

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नई दिल्ली: यमन ने भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द कर दी है। यमन की राजधानी सना में हाई लेवल मीटिंग में यह फैसला हुआ। भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के ऑफिस ने सोमवार देर रात इसकी जानकारी दी। यह भारत सरकार के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।
भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के करीबी अनुयायी, जवाद मुस्तफावी ने दावा किया, यमन की राजधानी सना में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद निमिषा प्रिया की मौत के फैसले को पलट दिया गया। जवाद मुस्तफावी ने दावा किया कि यह फैसला भारतीय ग्रैंड मुफ्ती के हस्तक्षेप के बाद लिया गया है। ग्रैंड मुफ्ती ने यमन के प्रसिद्ध सूफी विद्वान शेख उमर हफीज थंगल से यमनी विद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का अनुरोध किया था। मध्यस्थता वार्ता में उत्तरी यमन के शासक अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों ने भी भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप यह नतीजा निकला।
निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को सजा-ए-मौत दी जानी थी, लेकिन भारत सरकार के प्रयासों से यह रोक दी गई। सरकार ने पीड़ित परिवार को ब्लड मनीदेने की पेशकश भी की थी, लेकिन परिवार इसके लिए तैयार नहीं हुआ। भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार और यमन के चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज ने 15 जुलाई को इस मसले पर बातचीत की थी। इसमें यमन के सुप्रीम कोर्ट के एक जज और मृतक का भाई भी शामिल था। यमन के शेख हबीब को बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया था। यह भी पहली बार था कि जब मृतक के परिवार का कोई करीबी सदस्य बातचीत को तैयार हुआ हो। यह बातचीत शरिया कानून के तहत हुई थी।
साल 2018 में निमिषा प्रिया बेहतर भविष्य की तलाश में नर्स बनकर यमन चली गई थी। वहां उन्हें सरकारी अस्पताल में नौकरी मिल गई। नौकरी मिलने के बाद उन्होंने केरल में टॉमी थॉमस से शादी की। इसेक बाद दोनों की एक प्यारी सी बेटी हुई। कुछ साल यमन में रहने के बाद पति और बेटी भारत लौट आए जबकि निमिषा यमन में ही रही। बाद में उसने एक स्थानीय नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर क्लिनिक खोला। लेकिन महदी ने उसके साथ धोखा किया औरउसका पासपोर्ट छीन लिया। इतना ही नहीं, उन्होंने उसकी कमाई हड़प ली और खुद को उसका पति बताने लगा। जब निमिषा ने मदद मांगी, तो पुलिस ने उल्टा उसे ही हिरासत में ले लिया। 2017 में एक जेल वार्डन की सलाह पर निमिषा ने महदी को बेहोश करने के लिए ड्रग दिया, लेकिन डोज ज्यादा हो गई और उसकी मौत हो गई। डर के चलते निमिषा ने शव के टुकड़े कर टैंक में छिपा दिया और फरार हो गई। एक महीने बाद वो पकड़ी गई। 2024 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी जो अब रद्द कर दी गई है।