नई दिल्ली: नए साल 2026 की शुरुआत के साथ ही भारत का सदियों पुराना डाक तंत्र एक नए युग में कदम रखने जा रहा है। भारतीय डाक विभाग अब आधुनिक लॉजिस्टिक्स की दुनिया में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने की तैयारी में है।
केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को घोषणा की कि जनवरी 2026 से भारतीय डाक पूरे देश में “सिंगल-डे स्पीड डिलीवरी” सेवा शुरू करेगा। इसका अर्थ है कि देश के किसी भी कोने से भेजा गया पार्सल महज 24 घंटे के भीतर अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगा।
अब तक भारतीय डाक की सबसे तेज सेवा में भी पार्सल डिलीवरी में 3 से 5 दिन का समय लगता था, ऐसे में यह पहल एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है।
48 घंटे में महानगरों के बीच गारंटीड डिलीवरी
मंत्री सिंधिया ने बताया कि यह योजना केवल एक दिन की डिलीवरी तक सीमित नहीं है। जनवरी 2026 तक महानगरों और राज्यों की राजधानियों के बीच एक विशेष सेवा भी शुरू की जाएगी, जिसके तहत 48 घंटों के भीतर गारंटीड डिलीवरी उपलब्ध होगी।
यह पहल शहरी क्षेत्रों में व्यापारिक लेन-देन और व्यक्तिगत पार्सल सेवाओं को नई गति देने वाली साबित होगी।
ई-कॉमर्स के साथ साझेदारी की दिशा में बड़ा कदम
सरकार का अगला लक्ष्य मार्च 2026 तक भारतीय डाक को देश के प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे Amazon और Flipkart के लिए ‘लास्ट माइल डिलीवरी पार्टनर’ बनाना है। इससे भारतीय डाक न केवल अपने नेटवर्क की क्षमता का पूरा उपयोग कर सकेगा, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों तक ई-कॉमर्स की पहुंच को भी मजबूत करेगा।
अंतरराष्ट्रीय सेवाएं फिर से शुरू
इसी के साथ भारतीय डाक ने अपनी वैश्विक सेवाओं को भी रफ्तार देना शुरू कर दिया है। लगभग दो महीने के निलंबन के बाद, 15 अक्टूबर से अमेरिका के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। इससे भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक और व्यक्तिगत संचार को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।
भारतीय डाक: दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क
भारतीय डाक विभाग दुनिया के सबसे बड़े डाक नेटवर्कों में से एक है, जो 1,64,999 डाकघरों का संचालन करता है।
सरकार का दावा है कि भारत के हर गांव के 5 किलोमीटर के दायरे में एक डाकघर उपलब्ध है। यह विशाल नेटवर्क न केवल डाक सेवाओं का आधार है, बल्कि करोड़ों भारतीयों के लिए बचत, बीमा, सरकारी योजनाओं और डिजिटल सेवाओं का मुख्य माध्यम भी है।
नया युग, नई गति
भारतीय डाक का यह रूपांतरण केवल गति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह देश के डिजिटल और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। 2026 में भारतीय डाक का यह नया अध्याय भारत को तेजी से बढ़ते वैश्विक ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकता है।
भारतीय डाक विभाग 2026 में करेगा बड़ा बदलाव, पूरे देश में ‘सिंगल-डे स्पीड डिलीवरी’ की तैयारी












