जम्मू-कश्मीर: कठुआ से डोडा तक सक्रिय आतंकियों की मदद करने वाले मास्टरमाइंड समेत नौ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस नेटवर्क का मुख्य सरगना मोहम्मद लतीफ उर्फ हाजी लतीफ है। मोहम्मद लतीफ के अलावा अख्तर अली,जुथाना,सोफेन, लियाकत, कासिम दीन, खादिम उर्फ काजी कट्टल भडू, सद्दाम, बिलावर को पकड़ा गया है। ये सभी सीमावर्ती कठुआ जिला के रहने वाले हैं। सरगना लतीफ घुसपैठ कर आने वाले आतंकियों के लिए गाइड का काम करता था। डोडा के गंदोह में मारे गए तीन आतंकियों को भी हाजी लतीफ ने पनाह दी थी। लतीफ अब तक 20 से अधिक आतंकियों को घुसपैठ के बाद सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचा चुका है। 60 वर्ष का सरगना पूरा नेटवर्क पैसों के लिए चला रहा था। ये लोग जम्मू संभाग में घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाने मुहैया करवाने से लेकर खाने तक सभी बंदोबस्त करते थे। सरगना लतीफ पाकिस्तान से करीब 10 से 15 लाख रुपये ले चुका है। इस पैसे से ही उसने आतंकियों के नेटवर्क खड़ा किया और पाकिस्तान में बैठे आतंकी हैंडलरों के सीधे संपर्क में था।
गिरफ्तार आतंकी मददगार तीन जिलों कठुआ, ऊधमपुर और डोडा में सक्रिय थे और पाकिस्तान में अपने हैंडलरों के भी लगातार संपर्क में थे। इन मददगारों को पूरी जानकारी होती थी कि कब और कहां से घुसपैठ होने वाली है। भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने के बाद आतंकियों को सुरक्षाबलों की नजरों से बचाकर पहाड़ों पर बनाए गए ठिकानों तक ले जाने की जिम्मेदारी इन्हीं की होती थी। ये मददगार आतंकियों को सुरक्षाबलों के बारे में भी तमाम जानकारी उपलब्ध करवाते थे।
पिछले करीब दो महीने में आतंकियों ने जम्मू संभाग को निशाना बनाते हुए एक के बाद एक कई बड़े हमले किए। इसी बीच, डोडा जिले में एक मुठभेड़ में तीन पाकिस्तानी आतंकी मारे गए। इससे साफ था कि आतंकी कठुआ या सांबा सीमा से घुसपैठ कर ऊधमपुर होते हुए डोडा जिला के पहाड़ों तक पहुंचे हैं। ऐसे में बिना स्थानीय मदद के आतंकियों का डोडा पहुंचना संभव नहीं था। बता दें कि आतंकी चरवाहों के रूट इस्तेमाल कर रहे थे। इनके द्वारा ऊपरी इलाकों में बनाई गई ढोक में रह रहे थे। इन रूट का दशकों पहले से इस्तेमाल होता आया है। इन इलाकों में सेना की मूवमेंट नहीं थी। इसी का लाभ उठाकर आतंकी संगठनों ने चरवाहों से संपर्क किया। उनके जरिए घुसपैठ की और अपना नेटवर्क तैयार किया। इन मददगारों के पकड़े जाने के बाद इस बात का भी खुलासा हो गया है कि डोडा, किश्तवाड़ से लेकर रियासी और उधमपुर तक पहुंचे आतंकियों के दल ने सांबा-कठुआ में आईबी के रास्ते घुसपैठ की थी।