झारखंड वार्ता संवाददाता
गढ़वा। गढ़वा में देर रात तक बजने वाले अत्यधिक तेज आवाज वाले डीजे से बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर प्रशासन अब सख्त मोड में आ गया है। सदर एसडीएम संजय कुमार ने सोमवार को स्पष्ट कहा कि शिकायतें लगातार मिल रही हैं कि गढ़वा के कई बारात घरों, बैंक्वेट हॉलों और आयोजन स्थलों में देर रात 1–2 बजे तक हैवी वाइब्रेशन वाले डीजे बजाए जा रहे हैं, जिससे आम लोगों की नींद भंग हो रही है और लोक-शांति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने निर्देश दिया है कि जो भी बैंक्वेट हॉल या मैरिज हॉल डीजे प्रतिबंध का उल्लंघन करेगा, उसका पूरा परिसर तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाएगा।
एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से संबंधित नियम पहले से लागू हैं, लेकिन उनकी अनदेखी लगातार बढ़ रही है। इसको रोकने के लिए सभी आयोजन स्थलों को आदेश दिया गया है कि वे अपने मुख्य प्रवेश द्वार पर बड़े और स्पष्ट अक्षरों में यहां डीजे बजाना प्रतिबंधित है” का बोर्ड लगाएं। यह बोर्ड हर आयोजन स्थल के लिए अनिवार्य होगा। निरीक्षण के दौरान यदि बोर्ड न पाया गया, या डीजे बजता हुआ मिला, तो परिसर को अगली सूचना तक सील करने के साथ-साथ संबंधित मालिकों पर विधि-सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कई बार रात में तेज आवाज वाले डीजे, बास वाइब्रेशन और आतिशबाजी की शिकायतें मिलती हैं। ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी संबंधित थाना क्षेत्रों की है, लेकिन अब उन्होंने अपने सभी सीओ, अंचल अधिकारियों और नगर निकायों को भी निर्देश दिया है कि वे पुलिस के साथ समन्वय कर कार्रवाई करें। इसके अलावा ऐसे लोगों को चिन्हित कर प्रतिवेदन तैयार करें जो लगातार नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।
एसडीएम ने कहा कि प्रशासन जनहित और लोक-शांति को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। इसलिए डीजे प्रतिबंध के आदेश का सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा। उन्होंने बैंक्वेट संचालकों को चेताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या नियम उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन की इस कड़ी कार्रवाई से शहर में डीजे प्रतिबंध को लेकर स्पष्ट संदेश गया है कि रात्रि में ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले आयोजन अब किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।














