सूरत: गुजरात की सूरत जिला सत्र न्यायालय ने शनिवार (5 अप्रैल) को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने शिष्या से बलात्कार के मामले में जैन मुनि शांतिसागर (56) को 10 साल की सजा सुनाई है। जैन मुनि शांतिसागर के खिलाफ 2017 में यह प्रकरण दर्ज किया गया था। कोर्ट ने उन्हें 10 साल की जेल और 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया है।
दुष्कर्म का यह मामला साल 2017 का है। जैन मुनि शांतिसागर महाराज ने सूरत के नानपुरा के तिमलियावद स्थित महावीर दिगंबर जैन उप-मंदिर की धर्मशाला में परिवार के साथ धार्मिक समारोह के लिए आई वडोदरा की लड़की से दुष्कर्म किया था। मूल रूप से ग्वालियर की रहने वाली 19 साल की पीड़ित वडोदरा के एक कॉलेज में पढ़ती थी। पीड़ित के परिवार का सूरत के नानपुरा के तिमलियावद स्थित महावीर दिगंबर जैन मंदिर में आना-जाना था। परिवार आरोपी जैन मुनि शांतिसागर के प्रवचनों से काफी प्रभावित था। इसलिए परिवार इनके संपर्क में रहता था। 1 अक्टूबर 2017 को शांतिसागर ने पीड़ित समेत उसके पूरे परिवार को एक धार्मिक अनुष्ठान के बहाने सूरत के तिमलियावद स्थित महावीर दिगंबर जैन उप-मंदिर बुलाया था। मंदिर में ही परिवार के ठहरने की व्यवस्था की गई थी। आरोपी जैन मुनि इस दौरान सूरत में चातुर्मास के लिए रह रहे थे। पीड़ित का आरोप है कि इसी दौरान जैनमुनि शांतिसागर ने उसे मंत्रजाप के बहाने अपने कमरे में बुलाया और परिवार के साथ कोई अनहोनी न होने का कहकर उसका दुष्कर्म किया था।
दूसरे दिन पीड़ित की तबीयत खराब होने पर दुष्कर्म का खुलासा हुआ था। इसके बाद परिवार ने सूरत के अठवालाइंस पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। मेडिकल में रेप की पुष्टि होने के बाद शांतिसागर को अक्टूबर में ही हिरासत में ले लिया गया था।