जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 140वां स्थापना दिवस के अवसर पर जिलाध्यक्ष परविंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी का चरखा छाप झण्डोत्तोलन किया।

इस अवसर कांग्रेसजनों ने वंदे मातरम, ध्वज गीत एवं जन-गण-मन गाकर जश्न मनाया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष परविंदर सिंह ने कांग्रेसजनों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता और एकता की कालजई विरासत 28 दिसंबर को हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 का स्मरण करते हैं, एक ऐसी चिंगारी जिसने भारत के सम्मान और स्वशासन की खोज को प्रज्वलित किया 140 वर्षों से कांग्रेस हमारे राष्ट्र की धड़कन रही है जिसने विविधता में एकता गढी और हमें औपनिवेशिक बंधनों से संप्रभु गौरव तक पहुंचाया। यह प्रचार पुस्तिका उसकी प्रेरणादायक यात्रा को नमन करती है – त्याग, दूरदृष्टि और अटूट संकल्प की गाथा। यह हमें उनके आदर्शों को बनाए रखने और एक उज्जवल भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करें।
एक गौरवशाली स्थापना – मुंबई में एलेन हैक्टेवियन ह्यूम, दादाभाई नौरोजी और सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे अग्रदुतों द्वारा स्थापित इंडियन नेशनल कांग्रेस ब्रिटिश शोषण के विरुद्ध एक सशक्त आवाज के रूप में उभरी। सुधारो और आर्थिक न्याय पर सीमित चर्चाओं से आरंभ होकर बाल गंगाधर तिलक और लाला लाजपत राय जैसे नेताओं के नेतृत्व में यह स्वराज की प्रखर पुकार बन गई। महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन में इस जन आंदोलन में बदल दिया जिसने जाति और पंथ से परे करोड़ों लोगों को एकजुट किया इस आधार ने भारत की लोकतांत्रिक चेतना की नींव रखी और सिद्ध किया कि सामूहिक इच्छा शक्ति साम्राज्यों को भी प्राप्त कर सकती है।
*स्वतंत्रता संग्राम में वीर भूमिका* – कांग्रेस ने औपनिवेशिक शासन को हिला कर रख देने वाले ऐतिहासिक आंदोलन के साथ भारत की स्वतंत्रता का नेतृत्व किया असहयोग आंदोलन ने ब्रिटिश शासन का बहिष्कार किया और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया। गांधी जी की दांडी यात्रा ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को प्रज्वलित किया जिसने सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार को चुनौती दी। 1929 में बाल गंगाधर तिलक द्वारा घोषित *पूर्ण स्वराज* ने संपूर्ण स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया। जबकि 1942 में *करो या मरो* के नारा के साथ भारत छोड़ो आंदोलन ने भीषण दमन के बावजूद विजय की गति तेज कर दी। सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज की समर्थन में कांग्रेस ने वैश्विक मुक्ति को प्रेरित किया संकल्प के साथ उसने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की और विश्व को शांतिपूर्ण प्रतिरोध की शक्ति का पाठ पढ़ाया।
संविधान का शिल्पकार – स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने भारत के संविधान का निर्माण किया, न्याय और समानता का प्रकाश स्तंभ डॉ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में और जवाहरलाल नेहरू के मार्गदर्शन में बी आर अंबेडकर द्वारा प्रारूपित इस संविधान ने मौलिक अधिकारों, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक कल्याण को प्रतिष्ठित किया। अस्पृश्यता का उन्मूलन और एकता का संवर्धन गांधी जी की समावेशी दृष्टि को प्रतिबिंबित करता है। सरदार पटेल द्वारा रियासतों के एकीकरण ने हमारी विविध भूमि को एक सूत्र में बांध 1950 से प्रभावित यह जीवन दस्तावेज हमारे लोकतंत्र को संबल देता रहा है और प्रत्येक नागरिक को सपने देखने व उन्हें साकार करने की शक्ति देता है।
एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण- स्वतंत्रता के बाद नेहरू जैसे कांग्रेस नेताओं ने पंचवर्षीय योजनाओं, बांधों और आईआईटी जैसे संस्थानों के माध्यम से आधुनिक भारत की नींव रखी। शास्त्री जी के हरित क्रांति ने देश का पेट भर, इंदिरा गांधी के बैंक राष्ट्रीयकरण और गरीबी हटाओ ने वंचितों का उत्थान किया। राजीव गांधी ने आईटी क्रांति की शुरुआत की, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने सुधारो में वैश्विक द्वारा खोले। यूपीए के आरटीआई, मनरेगा और शिक्षा के अधिकार ने जीवन बदले समावेशी विकास और वैश्विक प्रतिष्ठा को सुदृढ़ किया।
शहीदों को नमन – हम लाला लाजपत राय जैसे शहीदों को नमन करते हैं, जो अन्याय के विरोध में शहीद हुए, गांधी जी जो एकता के लिए बलिदान हुए और इंदिरा जी व राजीव गांधी जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर किया। उनके निस्वार्थ कर्म सत्याग्रह का संगठन सद्भाव का संवर्धन हमें सतत सतर्कता की प्रेरणा देते हैं। उनकी विरासत से प्रेरणा लेने कांग्रेस की भावना हमारे न्याय और प्रगति के संकल्प को शक्ति दे मिलकर हम समानता और गौरव से परिपूर्ण भारत का निर्माण करें।
स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त श्री ज्योति सिंह मथारू जी के करकमलों से वरिष्ठ नेता सरदार महेंद्र सिंह, रामाश्रय प्रसाद, अशोक चौधरी, रियाजुद्दीन खान, रविन्द्र कुमार झा, एल. बी. सिंह को कांग्रेस पार्टी में उत्कृष्ट सेवा सम्मान स्वरूप मेडल प्रदान कर सम्मानित किया।
गाॅधी टोपी पहनाकर नौजवान कांग्रेस नेता में डाॅ परितोष सिंह, रजनीश सिंह, सलीम खान, ज्योति मिश्र, आशुतोष सिंह, राजा सिंह राजपूत, नवनीत मिश्रा, सुल्तान अहमद, बबलू नौशाद, अबुबकर सिद्दिकी, लक्की शर्मा, फिरोज खान, कौशल प्रधान, सुशील तिवारी, राजकिशोर प्रसाद, मो. नौशाद को सम्मानित किया गया।
समारोह का संचालन एवं प्रबंधन कार्य संजय सिंह आजाद एवं ब्रजेन्द्र तिवारी ने सम्पादित किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता अंसार खान, अशोक कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह, सफी अहमद खान, अमरजीत नाथ मिश्रा, बिजय यादव, अतुल गुप्ता, राजेश कुमार, नालनी सिन्हा, रणजीत सिंह, नमिता सिंह, शैलेश पांडे, संजय यादव, रविंद्र मौर्य, गुरदीप सिंह, सुरेंद्र सिंह, अखिलेश सिंह यादव, अमर कुमार मिश्रा, इंदू,भूषण यादव, वीरेंद्र पांडे प्रमोद मिश्रा, पवन कुमार बबलू, फरहत बेगम, विजय पांडे, संध्या दास, शबाना परवीन, लखबीर कौर, मुकुल कुमार कालिंदी, नंदलाल प्रसाद, संतोष शर्मा, अबू बकर सिद्दीकी, दीपक पूर्ति, अजय कुमार दास, डीके दुबे, सुदर्शन तिवारी, केके शुक्ला, पंकज कुमार, शिबू सिंह, सनी सिंह, दिलीप गुप्ता शाहिद सैकड़ो कांग्रेस नेता शामिल हुए।












