झारखंड विधानसभा: अपनी मांग मनवाने पर अड़े भाजपा विधायक बेल में घुसे, हंगामा, फिर वाक आउट
रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को भाजपा विधायकों ने दिव्यांग पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर वेल में पहुंचकर खूब हंगामा किया और अपनी मांग को मनवाने के लिए सदन से बाहर निकल गए।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बाघमारा से बीजेपी विधायक शत्रुघ्न महतो ने दिव्यांगजनों को मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी करने की मांग की. उनकी इस मांग का समर्थन बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी किया और नारे बाजी करते हुए वेल में जा घुसे. इसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री राधा किशोर ने सीमावर्ती राज्य में मिलने वाली राशि का उदाहरण दिया.विधायक जोरदार नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई। स्पीकर ने विधायकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। स्पीकर ने भाजपा विधायकों से कहा कि आप सदन को बाधित भी करेंगे और प्रश्न का उत्तर भी लेंगे। चित भी आपका, पट भी आपका ऐसा नहीं हो सकता। इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक शत्रुघ्न महतो ने सरकार से सवाल पूछा कि, क्या वह दिव्यांगजनों को दी जाने वाली राशि बढ़ाने का विचार रखती है या नहीं?’ विधायक नवीन जयसवाल ने भी अपने साथी विधायक का समर्थन करते हुए इसी बात को दोहराया. इसके जवाब में वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी. इसके बाद उन्होंने सीमावर्ती राज्यों को मिलने वाली राशि का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां झारखंड से कम राशि दी जाती है. यह जवाब सुनकर हटिया विधायक भड़क उठे. उन्होंने सवाल पूछा कि क्या मंईयां योजना की शुरुआत बाकी राज्यों को देखकर की. इसके बाद थोड़ी देर तक सदन में खूब शोर मचता रहा. विपक्ष के हंगामे को देखकर स्पीकर ने कहा कि ऐसा नहीं होता है. यह ऐसा मामला नहीं है कि आपने जो मांग की उसे तुरंत लागू कर दिया जाए. इसके बाद विपक्ष हंगामा करते हुए बाहर निकल गया.बाबूलाल मरांडी ने सदन में 4 माह से दिव्यांग पेंशन योजना की राशि न मिलने का मुद्दा उठाया. उनके इस बात को मंत्री चमरा लिंडा ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लाभुकों के खाते में फरवरी तक का पैसा भेज चुकी है. 2-3 दिनों में मार्च माह की भी राशि भेज दी जाएगी.’ उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार 300 रुपये का अंशदान देती है जबकि राज्य सरकार 700 रुपये देती है. लेकिन केंद्र की ओर से केवल जून तक की ही राशि मिली है. इसके बावजूद हमने रिवॉल्विंग फंड से दिसंबर माह तक का भुगतान कर दिया.
बाबूलाल मरांडी ने मंत्री चमरा लिंडा की बात को गलत ठहराते हुए उन्होंने बोकारो की एक दिव्यांग लड़की का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि बोकारो की रहने वाली दिव्यांग लड़की ने उन्हें मैसेज भेजकर बताया था कि उसे चार माह से पेंशन का लाभ नहीं मिला है.’ बाबूलाल मरांडी ने मंत्री से मामले की अच्छे से जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार पता लगाएं कि लाभुकों को मिलने वाली राशि कहां गयी?
विधायक नीरा यादव ने भी कहा कि सरकार मंईयां सम्मान योजना के तहत उन महिलाओं को 2500 रुपए दे रही है जो खुद भी कमा कर अपना गुजारा कर सकती हैं. लेकिन जिन्हें इन पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत है उन्हें आप (दिव्यांग, विधवा और वृद्ध) को कम पैसे दे रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि इन लोगों के साथ सरकार की कोई दुश्मनी है क्या? सभी को एक सामान पैसे मिलने चाहिए.
- Advertisement -