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झारखंड भाजपाई ही भाजपा प्रत्याशियों का बंटाधार करेंगे!इस्तीफों की झड़ी,जिप अध्यक्ष बारी मुर्मू का पार्टी से इस्तीफा

On: October 21, 2024 5:46 PM
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रिपोर्ट: सतीश सिन्हा

भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में जब से टिकट की घोषणा की है उसके बाद से भाजपाई ही कई जिलों के विधानसभा क्षेत्र में बगावती तेवर अपनाए हुए हैं और इस्तीफों की झड़ी लगी हुई है।

सरायकेला खरसावां विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पार्टी के कथित रूप से कदावर नेता माने जाने वाले गणेश महाली ने तो इस्तीफा दिया ही उनके समर्थन में सम्राट रोहित ने भी इस्तीफा दे दिया।

पोटका वि०स० क्षेत्र में भी भाजपाईयों ने ही भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ खोला मोर्चा

वहीं खबर आ रही है कि पोटका विधानसभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उस वक्त हड़कंप मच गया जब दो बार विधायक रह चुकी भारतीय जनता पार्टी की नेत्री मेनका सरदार ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

वहीं खबर आ रही है कि पूर्वी सिंहभूम की जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू ने BJP के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर बहुत बड़ा तहलका मचा दिया है।

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा में भी बगावत, शिव शंकर निर्दलीय पर्चा भरने पर अड़े

वहीं दूसरी ओर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा में उड़ीसा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया है।

लेकिन उनके खिलाफ भी कई भाजपाइयों ने मोर्चा खोल दिया है।बहू पूर्णिमा दास साहू को टिकट दिए जाने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने सामाजिक कार्यकर्ता और भाजपा नेता शिव शंकर सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. शिव शंकर सिंह ने इसकी आधिकारिक घोषणा की और कहा कि वे भाजपा के कार्यकर्ताओं के मान सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह अपने खुद के लिए हमें मतलब नहीं है. अगर उनका नाम पसंद नहीं था तो मिथिलेश सिंह यादव को टिकट दे दिया गया होता, अभय सिंह को टिकट दे दिया गया होता, रामबाबू तिवारी जैसे कर्तव्य निष्ठा व्यक्ति को टिकट दिया गया होता या फिर दिनेश कुमार को टिकट दिया गया होता तो यह उनको मंजूर होता लेकिन अपने घर की बहू को टिकट देकर रघुवर दास ने कार्यकर्ताओं का अपमान किया है और कार्यकर्ताओं के अपमान का बदला लेने के लिए वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

उन्होंने कहा है कि 23 अक्टूबर को वे नामांकन दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा कि उसको लेकर उन पर कोई दबाव नहीं है. उनके साथ मौजूद महिला मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष राजपति देवी ने तो पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास का जोरदार विरोध किया।

वरिष्ठ भाजपा नेत्री राजपति देवी शिवशंकर के समर्थन में आई

वहीं भारतीय जनता पार्टी की वफादार कार्यकर्ता के रूप में जानी जाने वाली राजपति देवी शिव शंकर सिंह के समर्थन में खुलकर आ गई है। राजपति देवी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में ही कई महिला नेता है जो झंडा धोते-धोते जिंदगी खपा दी है लेकिन उनको नहीं पूछा गया और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू को टिकट दे दिया गया. यह सरासर अन्याय है. आम जनता से लेकर भाजपा के कार्यकर्ता इसको लेकर विरोध करने पर उतारू है. अब इसकी लड़ाई लंबी होगी।

पोटका प्रत्याशी मीरा मुंडा के खिलाफ जिप अध्यक्ष बारी मुर्मू ने भी मोर्चा खोला!

चर्चा है कि पोटका विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिलने की आस लगाए बैठी बारी मुर्मू को टिकट नहीं मिला जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

हालांकि उनके इस्तीफा के कारणों का उन्होंने खुलासा नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि पोटका सीट पर मीरा मुंडा को टिकट मिलने को लेकर असंतोष व्याप्त था।उनके इस फैसले का मुख्य कारण हो सकता है। उनके इस्तीफे से BJP को आगामी चुनावों में झटका लग सकता है, क्योंकि मुर्मू का स्थानीय स्तर पर खासा प्रभाव रहा है।

दिया है। बारी मुर्मू का नाम पोटका विधानसभा क्षेत्र से संभावित प्रत्याशियों में प्रमुख रूप से सामने आ रहा था। उनके इस इस्तीफे ने पोटका विधानसभा की राजनीति में हलचल मचा दी है।

बारी मुर्मू BJP में एक सशक्त नेता मानी जाती थीं और उनके भाई लक्ष्मण टुडू घाटशिला के पूर्व विधायक रहे हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नज़दीकी सहयोगियों में शामिल थे। मुर्मू का राजनीतिक सफर और उनका प्रभाव क्षेत्र में मजबूत रहा है, खासकर पूर्वी सिंहभूम में उनकी भूमिका को लेकर भाजपा में कई चर्चाएं होती रही हैं।

अब देखना होगा कि बारी मुर्मू आगे की राजनीतिक दिशा किस ओर चुनती हैं और BJP इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में कैसे नए समीकरणों के साथ चुनावी रणनीति बनाती है।

पोटका से दो बार विधायक रही मेनका सरदार ने भी अपनाए बगावती तेवर

इधर पोटका से दो बार विधायक रह चुकी मेनका सरदार ने भी बगावती तेवर अपनाते हुए पार्टी के सभी पदों से कल ही इस्तीफा दे दिया था।

जमशेदपुर पश्चिमी वि०स० में भाजपाई विकास ने भी निर्दलीय के रूप में मोर्चा खोला

जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से एनडीए गठबंधन के जद यू की तरफ से उम्मीदवार सरयू राय को टिकट मिलने के बाद जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में वर्षों से जनहित में कार्य करने वाले और अपनी अच्छी पकड़ बनाने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता विकास सिंह भी असंतोष से भर गए उन्होंने भी टिकट की उम्मीद कथित रूप से लगा कर रखी थी जिसके बाद उन्होंने मोर्चा खोल दिया और 23 नवंबर को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरने की बात कही है।

बहरहाल स्थिति में ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही भारतीय जनता पार्टी का बंटाधार कर देंगे वैसे भी मीडिया में पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लग रहा है। जिसका फायदा बागी भी उठाने में लग गए हैं और बागियों की तादाद भी बढ़ रही है। जिसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को और गठबंधन को उठाना पड़ सकता है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अंदरुनी खेमे से डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।खबर है कि पोटका प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा कथित रूप से मेनका सरदार से मिली और उन्हें मनाने में सफल रही है। वही खबर यह भी आ रही है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी डैमेज कंट्रोल करने के लिए जमशेदपुर आ रहे हैं। देखना है कि भारतीय जनता पार्टी बागो को मानने और डैमेज कंट्रोल करने में कितना सफल होती है यह तो चुनाव परिणाम में ही पता चल पाएगा।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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