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रांची: झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। मंत्री सोरेन को 2 अगस्त, शनिवार तड़के घोड़ाबांधा स्थित उनके आवास पर बाथरूम में फिसलकर सिर में गंभीर चोट लग गई थी। हादसे के तुरंत बाद उन्हें टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया, जहां प्रारंभिक इलाज के बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए एयरलिफ्ट कर दिल्ली भेजा गया।


दिल्ली पहुंचने के बाद उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों की टीम लगातार उनका इलाज कर रही थी। उनकी हालत पिछले कई दिनों से नाज़ुक बनी हुई थी। आज इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

रामदास सोरेन झारखंड के अनुभवी राजनेताओं में से एक थे और राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की थीं। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर है।

परिजनों के मुताबिक, 2 अगस्त की सुबह 4:30 बजे वह मॉर्निंग वॉक के लिए उठे और बाथरूम गए, जहां अचानक गिरने की घटना हुई। परिवारजन तुरंत उन्हें टाटा मोटर्स अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताते हुए ब्रेन में ब्लड क्लॉट की पुष्टि की। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाने का निर्णय लिया गया। सुबह 9:30 बजे सोनारी एयरपोर्ट से एयर एम्बुलेंस द्वारा उन्हें दिल्ली ले जाया गया, जहां अपोलो अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। तब से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। जिसके बाद 15 अगस्त की रात करीब पौने 11 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

रामदास सोरेन के बड़े पुत्र सोमेश सोरेन ने रात को करीब 10:46 बजे सोशल मीडिया साइट एक्स के रामदास सोरेन के हैंडल से अपने पिता के निधन की सूचना दी। सोमेश सोरेन ने लिखा, अत्यंत ही दुख के साथ यह बता रहा हूं कि मेरे पिताजी रामदास सोरेन जी अब हमारे बीच नहीं रहे। इसके बाद झामुमो के नेता और बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, आप सभी को अत्यंत दुःख के साथ यह सूचना साझा कर रहा हूं कि राज्य के स्कूली शिक्षा और निबंधन मंत्री तथा घाटशिला विधानसभा के विधायक रामदास सोरेन अब हम सबके बीच नहीं रहे। उन्होंने लिखा कि उनके लाखों चाहने वालों, शुभचिंतकों, कर्मठ कार्यकर्ताओं, स्कूली शिक्षा व निबंधन विभाग के सहयोगियों और हम सबके लिए एक व्यक्तिगत और अपूरणीय क्षति है। पूरा झामुमो परिवार इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सभी डॉक्टरों और उनकी टीमों के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों का हृदय से आभार व्यक्त करता है कि उन्होंने पिछले 2 अगस्त से लेकर आज तक दिन रात उन्हें ठीक करने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन ईश्वर की मर्जी के आगे हम सब मजबूर हैं।

घाटशिला विधानसभा सीट से विधायक रहे रामदास सोरेन ने झारखंड आंदोलन में भी अहम योगदान दिया था। उनकी सादगी और जनसेवा की छवि के कारण वे जनता में लोकप्रिय थे। उनका अंतिम संस्कार उनके गृह नगर में किया जाएगा।