रांची: बुधवार को झारखंड विधानसभा में सिद्धो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (सिद्धोकोफेड) की निदेशक मंडल की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक में किसानों के लिए विशेष मोबाइल ऐप और एक आधुनिक कृषि पोर्टल तैयार करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में कृषि और वनोपज क्षेत्र अपार संभावनाओं से भरे हैं, और राज्य सरकार किसानों को तकनीक से सशक्त बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य, समय पर भुगतान और बेहतर बाजार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसा कृषि पोर्टल विकसित किया जाए जहां फसल उत्पादन, मौसम, बीज और तकनीक की जानकारी, मंडियों के रेट और विपणन की सुविधा, भुगतान ट्रैकिंग सिस्टम, प्रशिक्षण सामग्री, वीडियो लेक्चर और किसान पाठशाला से जुड़ी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम किसानों के लिए पारदर्शिता बढ़ाएंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देंगे।
खेती-किसानी को बनाएंगे और मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हमारा उद्देश्य किसानों को खेती के हर चरण उत्पादन से भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन तक पूरा सहयोग प्रदान करना है। उन्होंने उन्नत बीज, आधुनिक कृषि तकनीक, बेहतर सिंचाई और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
जल संरचनाओं की देखरेख स्थानीय समूहों को सौंपने का सुझाव
सीएम सोरेन ने जल संरक्षण को ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जोड़ा। उन्होंने सुझाव दिया कि चेक डैम, तालाब, अन्य जल संरचनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी किसान समूहों या जल सहिया समितियों को सौंपी जाए, ताकि स्थानीय स्तर पर स्वामित्व और जवाबदेही दोनों तय हो सके। इससे कृषि उत्पादन के साथ ग्रामीणों को स्थायी आजीविका भी मिलेगी।
वनोपज को राष्ट्रीय व वैश्विक पहचान दिलाने की तैयारी
सरकार ने संकेत दिया कि झारखंड के लाह, बीज, तसर जैसे प्रमुख वनोपज उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्रांडिंग और विपणन के जरिए बड़ी पहचान दिलाई जाएगी।
2025–27 की कार्ययोजना पर चर्चा
बैठक में सिद्धोकोफेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2025–26 और 2026–27 के लिए योजनाएं, बजट और कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई। उत्पादन, संकलन, प्रसंस्करण और विपणन को मजबूत करने के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए गए।













