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रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने समय पर जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर राज्य सरकार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। मंगलवार को डोमचांच के एक जलमीनार के मामले में एकेजी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा। सरकार की ओर से विभाग से मंतव्य लेने के लिए समय देने का आग्रह किया गया। इस पर अदालत ने सरकार पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगा दिया। जुर्माना की राशि दो सप्ताह में हाईकोर्ट के लीगल सर्विस कमेटी के पास जमा करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कहा यदि राशि का भुगतान कर दिया जाता है, तो सरकार को समय प्रदान किया जायेगा।

बता दें कि पेयजल स्वच्छता विभाग ने एकेजी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को जलमीनार का निर्माण पूरा नहीं करने के मामले में 5 साल के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया था। इस मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कंपनी पर कार्रवाई की गई थी। इसे कंपनी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अदालत में प्रार्थी की ओर से कहा गया था कि उन्हें ब्लैकलिस्टेड किए जाने से संबंधित जांच रिपोर्ट की प्रति नहीं मिली है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जांच रिपोर्ट की प्रति प्रार्थी को दी गई है या नहीं, इस पर संबंधित विभाग से जानकारी लेनी होगी। इसके लिए समय दिया जाए। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार यह स्पष्ट नहीं कर पा रही है कि रिपोर्ट की प्रति कंपनी को दी गई है या नहीं। वैसी स्थिति में जुर्माना 10 हजार रुपये दो सप्ताह में भुगतान करने पर समय दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मेसर्स एकेजी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से याचिका दायर कर ब्लैकलिस्टेड करने को चुनाैती दी गयी है।

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