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झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर लगाया 50 हजार रुपये का जुर्माना, जानें पूरा मामला

On: November 13, 2025 2:42 PM
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रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की बार-बार और बेवजह की जाने वाली मुकदमेबाजी पर कड़ी नाराजगी जताई है। बुधवार को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि “राज्य वेलफेयर स्टेट है, न कि ऐसा पक्षकार जो अपने ही नागरिकों के खिलाफ हर हाल में मुकदमा जीतना चाहता हो।”

अदालत ने कहा कि सरकार अपने ही कर्मचारियों को न्याय से वंचित रखने के लिए बार-बार अदालतों का दरवाजा खटखटा रही है, जिससे न केवल न्याय प्रक्रिया बाधित होती है, बल्कि जनता का धन भी व्यर्थ खर्च होता है। कोर्ट ने सरकार की अपील याचिका को “बेमानी और निरर्थक मुकदमेबाजी” करार देते हुए खारिज कर दिया और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

मामला अखिलेश प्रसाद नामक अधिकारी से जुड़ा है, जो पहले बिहार सरकार में सहकारिता विस्तार पदाधिकारी थे। झारखंड गठन के बाद वे झारखंड प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने उनकी पदस्थापना 2013 से प्रभावी करने में देरी की। इस पर अखिलेश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन राज्य सरकार ने उस आदेश के खिलाफ अपील दायर कर दी।

खंडपीठ ने सरकार की इस अपील को अनुचित ठहराया और स्पष्ट कहा कि राज्य के अधिकारी यह भूल जाते हैं कि मुकदमेबाजी का खर्च सरकारी खजाने से होता है, उनकी व्यक्तिगत जेब से नहीं। अदालत ने निर्देश दिया कि 50 हजार रुपये का हर्जाना पहले राज्य सरकार कर्मचारी को दिया जाए और बाद में यह राशि छह महीने के भीतर संबंधित अधिकारी से वसूली की जाए।

अखिलेश प्रसाद की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ रंजन ने पक्ष रखा।
अदालत ने राज्य सरकार को यह भी आदेश दिया कि वह 2011 में जारी अपनी मुकदमेबाजी नीति (Litigation Policy) को सख्ती से लागू करे और ऐसे मामलों की नियमित समीक्षा सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में इस तरह की अनावश्यक मुकदमेबाजी से जनता का धन और अदालत का समय दोनों की बर्बादी न हो।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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