झारखंड:मंत्री इरफान को बड़ा झटका,योग शिक्षिका पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सशरीर होना होगा कोर्ट में पेश

On: July 17, 2025 3:31 PM

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रांची: बड़े बोलेपन के लिए जाने जाने वाले झारखंड सरकार में कांग्रेसी कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बने डॉक्टर इरफान अंसारी को वर्ष 2020 में योग शिक्षिका राफिया नाज पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में बड़ा झटका लगने की खबर है। इस मामले में उन्होंने सिविल कोर्ट से सशरीर उपस्थित होने से छूट की याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब उन्हें कोर्ट की अगली कार्रवाई में सशरीर उपस्थित होना पड़ेगा।
मामला कुछ इस प्रकार है 19 अगस्त 2020 को आरोप के मुताबिक मंत्री ने एक निजी समाचार चैनल पर उनके पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई और धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। शिकायत में अंसारी पर स्त्री लज्जा भंग करने, भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और जानबूझकर अपमानित करने जैसे आरोप लगाए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में सुनवाई कर रहे एमपी एमएलए कोर्ट ने बुधवार को विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत ने ऐसा आदेश सुनाया।
मंत्री अंसारी की ओर से अदालत में उपस्थिति से छूट के लिए याचिका 23 मई को दायर की गई थी, जिस पर 5 जुलाई को दोनों पक्षों की अंतिम बहस के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था।
शिकायतकर्ता राफिया नाज के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार वर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मंत्री का मुख्यालय राजधानी रांची में ही है और अदालत भी पास में स्थित है, ऐसे में उपस्थिति से छूट का कोई औचित्य नहीं है.
बचाव पक्ष ने याचिका पर विस्तार से दलीलें रखते हुए मंत्री की व्यस्तता का हवाला दिया था, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया. यह मामला 19 अगस्त 2020 का है, जब रांची के डोरंडा निवासी योग शिक्षिका राफिया नाज ने सिविल कोर्ट में इरफान अंसारी के खिलाफ शिकायतवाद दर्ज कराया था.
मामले में कोर्ट ने इसी साल फरवरी में मानहानि और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने की धाराओं में संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ समन जारी किया था.