सिसई (गुमला): किसान मुद्दों एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ सिसई प्रखंड कार्यालय के समक्ष झारखंड राज्य किसान सभा सिसई अंचल कमिटी द्वारा जुझारू प्रदर्शन कर आन्दोलन की चेतावनी दी गई। ‘खेत हमारा – फसल हमारा दाम तुम्हारा नहीं चलेगा, किसानों को खाद- बीज देना होगा, प्रखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाओ, जल, जंगल, जमीन पर हमला नहीं चलेगा, सभी को राशन, बिजली, सिंचाई कूप, तालाब, आवास, पेंशन देना होगा, वनपट्टा देना होगा, किसानों का सारा कर्ज माफ़ करो, मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रूपया मजदूरी दो, बकाया बिजली माफ करो, 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की गारंटी करो, धान बीज में मनमानी दाम पर रोक लगाओ , किसान क्रेडिट कार्ड देना होगा, हाथियों के आतंक से किसानों को बचाना होगा, जाति – आवासीय प्रमाणपत्र बनाने मनमानी पर रोक लगाओ, जमीन ऑनलाइन सुधार एवं दाखिल खारिज के नाम पर राशि वसूली करना बन्द करो’ आदि नारे लग रहे थे।
![](https://jharkhandvarta.com/wp-content/uploads/2024/06/img-20240626-wa00473112522823651814965-1024x472.jpg)
मुख्य वक्ता के रूप में झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो ने कहा 13 माह चल रहा किसान आन्दोलन, 750 किसानों की शहादत के पश्चात मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून रद्द करते हुए 9 दिसम्बर 2021 को लिखित समझौता किया था कि तीन माह के अन्दर किसानों के फसलों के लिए एम एस पी की कानूनी गारंटी देंगे। 2 वर्ष बाद भी लागू नहीं कर देश के करोड़ों किसानों के साथ विश्वासघात किया है, आत्महत्याएं बढ़ रही है। सर्वाधिक महंगाई, बेरोजगारी, निजीकरण से किसान तबाह हैं। अन्नदाता किसान देश के 140 करोड़ लोगों के लिए चावल, रोटी, सब्जी, फल, दूध पैदा करते हैं लेकिन सरकार ने अभी तक फसलों के दाम की कानूनी गारंटी नहीं नहीं दिया। जो चिंता का विषय है। उन्होंने किसान आन्दोलन तेज करने का आवाह्न किया।
![](https://jharkhandvarta.com/wp-content/uploads/2024/06/img-20240626-wa00462735104725163367785-1024x472.jpg)