गढ़वा। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार पर करारा हमला बोला है। झामुमो के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान रघुवर सरकार की दोहरी नियोजन नीति को युवा विरोधी बताते हुए गढ़वा भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
धीरज दुबे ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की नियोजन नीति ने झारखंड के स्थानीय युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। नीति में स्थानीयता की स्पष्ट परिभाषा न होने के कारण पलामू प्रमंडल के मूल निवासियों को नौकरियों से वंचित होना पड़ा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्यभर में छात्र-युवा इस अन्याय के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे, तब गढ़वा भाजपा और उसके प्रतिनिधि कहां थे? “क्या उन्हें सांप सूंघ गया था?” – उन्होंने तीखा सवाल किया।
दुबे ने कहा कि आज भाजपा झूठे वादों और खोखले नारों के सहारे जनता को फिर से गुमराह करने की कोशिश कर रही है, लेकिन राज्य की जागरूक जनता अब सब समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही सरकार ने 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित कर दी हैं, जो एक ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने भाजपा से यह भी पूछा कि जब झारखंड उच्च न्यायालय ने रघुवर सरकार की दोहरी नियोजन नीति को रद्द कर दिया, तब गढ़वा भाजपा नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी? इससे स्पष्ट होता है कि वे उस जनविरोधी नीति के सहभागी थे।
भाषा नीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार स्थानीय युवाओं की भावनाओं को समझ रही है और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं पर जिला स्तर से सुझाव मंगवाए गए हैं।
प्रेस वार्ता के अंत में झामुमो ने गढ़वा की जनता से अपील की कि वे भाजपा के भ्रम फैलाने वाले एजेंडे से सावधान रहें और विकास व स्थायित्व के लिए झामुमो का साथ दें। दुबे ने कहा, अब समय है सच और झूठ में फर्क करने का।