Monday, July 28, 2025

JMM प्रत्याशी समीर मोहंती ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी पर लाखों रुपए कथित रूप से डकारने का लगाया था आरोप,अब मुकरे!आ गया ट्विस्ट

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जमशेदपुर : जमशेदपुर लोकसभा सीट से इंडी गठबंधन के प्रत्याशी बहरागोड़ा के झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक समीर मोहन्ती का सोशल मीडिया पर एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कथित रूप से कांग्रेस के पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पर गंभीर आरोप लगाया था जिसमें उन्होंने कहा था कि आनंद बिहारी दुबे पर 25 लाख रुपये लेकर खा गए। इस संदर्भ में पत्र कथित जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग एक्ट के आरोपों में जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक भी प्रत्याशी समीर मोहंती के द्वारा पहुंचाने की बात बताई जा रही है लेकिन इस मामले में उसे वक्त ट्विस्ट आ गया जब समीर मोहंती ने अपने आरोप से मुकर गए हैं और मामले में नया ट्विस्ट आ गया है। हालांकि इस मामले में कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे आरोपी को निराधार और बेबुनियाद बता चुके हैं। उन्होंने बातचीत में कहा कि पार्टी के उचित मंच पर अपने ऊपर लगा आरोपों पर सफाई देंगे।इसको लेकर इंडी गठबंधन में घमासान मचा हुआ है। जबकि कांग्रेस के जिला महासचिव राजा ओझा इसे सोची समझी‌ सुनियोजित साजिश के तहत आनंद बिहारी दुबे को बदनाम करने की भी बात कर रहे हैं। वहीं एक और वरिष्ठ नेता सुभाष उपाध्याय ने तो विधायक समीर मोहंती पर ही सवाल उठा दिए हैं। आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच समीर मोहंती के बयान से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

पत्र लेटर हेड हस्ताक्षर सभी को समीर मोहंती ने बताया फर्जी

समीर मोहंती ने कहा है कि उनके लेटर हेड और मुहर और हस्ताक्षर का फर्जी तौर पर इस्तेमाल किया गया है। समीर मोहंती अपने बयान से पलट गये है और कहा है कि उनके पत्र का गलत इस्तेमाल किया गया है।उन्होंने यह पत्र नहीं लिखा है। यह फर्जी पत्र है।उन्होंने एक मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि हो सकता है कि कांग्रेस की आंतिरक राजनीति का ही यह हिस्सा होगा लेकिन उन्होंने यह पत्र नहीं लिखा है उन्होंने कहा है कि इस पत्र से उनका कोई लेना देना नहीं है।

जबकि पत्र के मुताबिक 25 लाख रुपये कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को देना और 6 हजार रुपये प्रत्येक बूथ के लिए पैसे देने की बात पत्र में लिखा गया है।

समीर मोहंती ने चुनाव आयोग के गाइडलाइन का किया उल्लंघन!

बहरहाल जमशेदपुर लोकसभा सीट में 1885 मतदान केंद्र है 6 हजार रुपये प्रति बूथ की अगर बात की जाये तो 1885 मतदान केंद्र मिलाकर कुल 1.13 करोड़ रुपये खर्च होता है, जो चुनाव आयोग के गाइडलाइन का उल्लंघन है।ऐसे में 95 लाख रुपये खर्च ही समीर मोहंती को करना था तो फिर वे 1.13 करोड़ रुपये कैसे खर्च कर दिये।

सोशल मीडिया पर यह सवाल उठते ही बदला बयान सवालों के घेरे में!

सवाल उठते ही कथित रूप से समीर मोहंती ने अपना बयान बदल दिया है और कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है।वैसे अब तक समीर मोहंती की ओर से कोई थाना में फर्जी लेटर बनाने की कोई शिकायत तक नहीं की है।वहीं, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे रांची तलब कर लिये गये है।रांची के कांग्रेस मुख्यालय में वे प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के पास अपना पक्ष रख रहे है।

जबकि संवाददाता सम्मेलन कर समीर मोहंती ने कहा है कि वे इस मामले की जांच की मांग करते है और यह भी मांग करते है कि इस मामले के दोषियों पर कार्रवाई की जाये।

गौरतलब है कि झामुमो प्रत्याशी समीर मोहंती का एक पत्र लिखने की बातें सामने आयी, जिसमें उनका लेटर हेड है और उनका मुहर हस्ताक्षर भी है। लेटर हेड और मुहर लगे पत्र में लिखा गया है कि 25 लाख रुपये आनंद बिहारी दुबे को दी गयी थी।6 हजार रुपये प्रति बूथ पैसे दिये गये थे, लेकिन 4 हजार रुपये प्रति बूथ ही दिये गये और कई बूथों पर आदमी को बैठाया भी नहीं गया। पिछले दिनों फेसबुक पर भी आनंद बिहारी दुबे पर गंभीर आरोप लगे थे उसी समय से या मामला गर्म चल रहा है।

कांग्रेस जिला महासचिव राजा ओझा बोले दुबे के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस मजबूत हुई, बदनाम करने की साजिश

इधर दूसरी ओर कांग्रेस जिला महासचिव राजा ओझा ने कहा है कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे के बनने पर कांग्रेस मजबूत हुई है। कई लोग दूसरे दलों से कांग्रेस में आए हैं जिन्हें यह नहीं पच रहा है। इसलिए उन्हें बदनाम करने की साजिश चल रही है।

प्रत्याशी समीर मोहंती पर सांसद विद्युत से करोड़ों का सौदा करने का गंभीर आरोप

इधर दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिले के एक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुभाष उपाध्याय ने विधायक समीर मोहंती पर ही गंभीर आरोप लगा दिए।गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि समीर महंती लोकसभा चुनाव में करोड़ों का सौदा कर विद्युत वरण महतो के सामने आत्मसमर्पण कर चुके थे। लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर से झामुमो का प्रत्याशी समीर महंती को बनाया गया था, जो वर्तमान में बहरागोड़ा से विधायक भी है इस लिहाज से भी बहरागोड़ा निवासी एवं सांसद विधुत वरण महतो से उनके अच्छे संबंध थे। समीर महंती जानते थे कि विधुत वरण महतो मजबूत प्रत्याशी है और निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव भी है तो दोनों ने आपस में तालमेल बिठा लिया। समीर महंती एक करोड़ का सौदा कर विधुत वरण महतो के सामने आत्म-समर्पण कर दिए!

इस वादे के साथ कि विधानसभा चुनाव में विद्युत वरण महतो को मदद करना होगा।

अब इस बात को बल इस प्रकार मिलता है कि जमशेदपुर लोकसभा चुनाव में गोविन्दपुर, गदरा, राहरगोडा, बारीगोडा, सरजमदा, बड़ा गोविन्दपुर, धानचट्टानी, लुआबासा, खैरबनी आदि इलाकों में कम से कम सौ बुथों के क्षेत्र में दर्जनों बैठक एवं हजारों समर्थकों की पदयात्रा हुई मैं उसमें शामिल भी हुआ प्रत्याशी के आने की सुचना भी थी लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब कोई प्रत्याशी सैकड़ों बुथ वाले क्षेत्रों के दौरे पर निकले ही नहीं। वे एक दिन भी नही आए इन क्षेत्रों में आम लोग चाहते हुए भी प्रत्याशी का दर्शन नहीं कर पाए।

इन इलाकों का मोर्चा जुगसलाई विधानसभा के विधायक मंगल कालिंदी संभाले हुए थे और उनके अथक प्रयास से ही समीर महंती को वोट मिले वरना जो रवैया समीर महंती ने अपनाया था उससे लोगों में भारी नाराजगी थी फिर भी मंगल कालिंदी एवं सभी दलों के कार्यकताओं के प्रयास से सम्मानजनक वोट प्राप्त हुए। यह भी सच है कि शहरों में झामुमो का जनाधार नहीं है और कुछ लोग है भी तो चुनाव में उनकी उपस्थिति फोटो खिंचवाने भर की थी। जमशेदपुर पुर्वी विधानसभा क्षेत्र में बुथों पर कांग्रेस के कार्यकर्ता पुरी मुस्तैदी से डटे हुए थे।

लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद समीर महंती अपने हार का ठीकरा जिला कांग्रेस के नेताओं पर फोडना चाह रहे हैं, जबकि मैं दावे के साथ कहना चाहता हूँ कि समीर महंती की मजबूत सांठगांठ भाजपा से हो चुकी थी और आने वाले विधानसभा चुनाव में झामुमो बहरागोड़ा से प्रत्याशी भी बदल रही है यही कारण है कि समीर महंती सांसद विधुत वरण महतो के इशारे पर कांग्रेस को पुर्वी विधानसभा में कमजोर कर भाजपा को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। इस मामले की पुरी जांच राज्य के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन एवं झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन के सज्ञान में संगठन हित में होनी चाहिए।

बहरहाल स्थिति में अब यह देखना होगा कि मामले में ट्विस्ट आ गया है और आगे क्या होता है चर्चाओं का बाजार गर्म है राजनीति तेज है।

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