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रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा हाल ही में घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2023 के परिणाम को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि इस परिणाम ने भाजपा के उन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिसमें परीक्षा प्रक्रिया पर धांधली के आरोप लगाए गए थे।

धीरज दुबे ने कहा कि जेपीएससी के परिणामों में प्रदेश के हर वर्ग और हर क्षेत्र के प्रतिभाशाली छात्रों को स्थान मिला है, जो आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि चुनावी माहौल को प्रभावित करने के उद्देश्य से उसने जेपीएससी की साख को धूमिल करने का प्रयास किया।

दुबे ने कहा, “भाजपा को न तो झारखंड की अस्मिता की चिंता है और न ही आदिवासियों के अधिकारों की। उनका एकमात्र एजेंडा है—झूठ फैलाना और युवाओं को गुमराह करना।”

उन्होंने यह भी कहा कि आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही और इसमें गिग वर्कर्स, कमजोर आर्थिक वर्ग, तथा दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आए छात्रों ने सफलता पाई है। धीरज दुबे ने पूछा कि अब जब परिणाम सार्वजनिक हो चुका है, तो भाजपा यह स्पष्ट करे कि आखिर धांधली कहां और कैसे हुई?

दुबे ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि युवाओं के मनोबल को तोड़ना एक गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा लगातार की जा रही बयानबाज़ी उन छात्रों के सालों की मेहनत और संघर्ष का अपमान है, जिन्होंने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है।

धीरज दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार की कोशिशों से जेपीएससी जैसी संस्थाएं अब जवाबदेह और पारदर्शी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि घोषित परिणाम में 90% सफल उम्मीदवार झारखंड के स्थानीय छात्र हैं, जो यह दर्शाता है कि अब राज्य में अवसर राजनीतिक सिफारिश नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर मिल रहे हैं।

अंत में उन्होंने भाजपा को सलाह देते हुए कहा, विकास और युवाओं के मुद्दों पर बात करें, न कि षड्यंत्र की राजनीति करें। जनता सब समझती है और समय आने पर उचित जवाब देना जानती है, जैसा कि 2024 के विधानसभा चुनाव में भी देखा गया।