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चाईबासा:पथ निर्माण का जायजा लेने गए जूनियर इंजी० के साथ मारपीट, बदसलूकी,मोबाइल तोड़ा, मामला मंत्री तक पहुंचा

On: April 25, 2025 4:14 AM
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चाईबासा: पथ निर्माण कार्य का जायजा लेने गये जूनियर इंजीनियर राजकुमार बेक के साथ साइट पर संवेदक के द्वारा कथित रूप से अभद्रता, गाली-गलौज, मारपीट मोबाइल तोड़ने का मामला प्रकाश में आया है। इस संदर्भ में चीफ इंजीनियर से शिकायत की गई है।

आरोप में कहा गया है कि उनके साथ गये असिस्टेंट इंजीनियर के साथ भी बदसलूकी की गयी। मारधाड़ और बदसलूकी का इल्जाम लगाया गया है। आरोप संवेदक अशोक कुमार के दो बेटों और दो मुंशियों पर लगा है। संवेदक अशोक कुमार के बेटों के नाम रघुवीर प्रधान और रवि रंजन प्रधान बताये गये।

इस पूरी वारदात की शिकायत ग्रामीण कार्य विभाग के चीफ इंजीनियर से की गयी है। वहीं, बात झारखंड अभियंत्रण सेवा संघ तक पहुंची।

जिसके बाद विभाग की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह से मामले में निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की गयी है। साथ ही संवेदक को झारखंड में ब्लैक लिस्ट करने का आग्रह किया है।

शिकायत पत्र के जरिये बताया गया है कि चाईबासा PMJSY फेज 3 के तहत पैकेज संख्या JH-P3-22-23-WSM-08 पथ MRL-02 मेरालसाई से तंगरमोर का निरीक्षण करने अधिकारी गये हुए थे। अधिकारियों में नोवामुंडी के वर्क सब डिविजन के असिस्टेंट इंजीनियर और कुमारडुनगी प्रशाखा के जूनियर इंजीनियर राजकुमार बेक शामिल थे। दोनों ने पथ निर्माण कार्य का निर्क्षण किया। मौके पर एग्रीमेंट के हिसाब से निर्माण कार्य की गुणवत्ता बहुत बढ़िया नहीं थी। इल्जाम है कि वहां मौजूद संवेदक के लोगों से जब इस बारे में पूछा गया तो वे लोग भड़क उठे। बदसलूकी करने लगे। देखते ही देखते गाली-गलौज और मारधाड़ शुरू कर दी। इतना ही नहीं, जूनियर इंजीनियर राजकुमार बेक का मोबाइल फोन छीना और पटक कर तहस-नहस कर दिया। मामले में झारखंड अभियंत्रण सेवा संघ के महासचिव का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिये। संघ का कहना है कि कार्यस्थल पर कार्य निष्पादन करवाने की स्तिथि में ऐसी अप्रिय घटना अभियंताओं का मनोबल गिराती है, जिसका झारखंड अभियंत्रण सेवा संघ पुरजोर विरोध करती है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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