जमशेदपुर: बागबेड़ा निवासी कथित नेता अमित रंजन पर शहर की निवासी वैशाली कुमारी ने जान से मारने की धमकी, मारपीट, यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए कोल्हान के डीआईजी और जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा और सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी खुलेआम घूम रहा है जबकि उसकी अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।
वैशाली कुमारी, जो कदमा थाना क्षेत्र की निवासी हैं, ने एक विस्तृत पत्र के माध्यम से कहा है कि उन्होंने 22 मार्च 2025 को कदमा थाना में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण उन्हें करीब डेढ़ महीने तक इंतजार करना पड़ा। अंततः कोल्हान डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद 1.5 महीने की देरी से एफआईआर दर्ज हो सकी। मामला कदमा थाना कांड संख्या-37/2025 के रूप में दर्ज है।
महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी अमित रंजन ने उनके साथ शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण किया, सिगरेट से जलाया और जबरन गर्भपात कराया। इतना ही नहीं, दूसरी महिला के साथ उसके खुलेआम अवैध संबंध भी रहे जिससे मानसिक यातना का सामना करना पड़ा।
एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस कार्रवाई में गंभीर लापरवाही बरती गई। अनुसंधानकर्ता मंटू कुमार ने न केवल महिला को रात में थाने बुलाया बल्कि समय पर मेडिकल जांच भी नहीं कराई। बाद में सिटी एसपी के हस्तक्षेप से जांच अधिकारी बदले और मेडिकल कराया गया, लेकिन नए अनुसंधानकर्ता की ओर से भी निष्क्रियता बरती जा रही है।
महिला का आरोप है कि आरोपी अमित रंजन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद वह खुलेआम ‘पुलिस’ लिखा बोर्ड लगाकर वाहन से घूम रहा है। वहीं, कदमा थाना के सिपाही भीम कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि वह हर बार रेड की सूचना आरोपी के पिता अविनाश कुमार को पहले ही दे देते हैं, जिससे वह फरार हो जाता है। पीड़िता ने आरोपी, उसके सहयोगियों और पुलिसकर्मी के कॉल डिटेल्स की जांच की मांग की है।
इतना ही नहीं, 25 जून को अमित रंजन के साथी हरीराव शर्मा और नीरज कुमार ने एफआईआर वापस लेने की धमकी दी और छेड़खानी की कोशिश की। 4 जुलाई को कोर्ट से लौटते समय पीड़िता पर फिर हमला किया गया। हमलावरों में अमित रंजन और उसका एक अन्य साथी नीरज कुशवाहा शामिल थे, जो बाइक (नं. JH05DV-2346) से आए थे। एमजीएम अस्पताल से पीड़िता ने मेडिकल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की, लेकिन अब तक जांच शुरू नहीं हुई है।
पीड़िता का कहना है कि आरोपी लगातार गवाहों को भी धमकी दे रहा है और उसके छोटे भाई को जान से मारने की धमकी दे चुका है। महिला ने कहा कि वह अपने जीवन से नहीं डरती, लेकिन अपने परिवार को खतरे में नहीं देख सकती। उसने आग्रह किया कि आरोपी और उसके साथियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए, पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच हो और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
पीड़िता ने कहा, “यह सिर्फ एक महिला की लड़ाई नहीं है, बल्कि सिस्टम की साख और समाज में न्याय की भावना को पुनर्जीवित करने का सवाल है।”