राहुल गांधी की वायनाड में रैली पर केरल सीएम का जोरदार हमला,IUML का वोट चाहिए लेकिन झंडा नहीं
एजेंसी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा प्रत्याशी के रूप में वायनाड से नामांकन के दौरान रैली निकाली थी। जिस पर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने राहुल गांधी पर हमला बोला है की रैली में IUML का वोट चाहिए लेकिन उसका झंडा नहीं दिखाएंगे। वहीं दूसरी ओर राहुल पर भारतीय जनता पार्टी नेत्री स्मृति ईरानी ने भी हमला बोला है। स्मृति ईरानी ने कहा कि कि वह इस बात से हैरान हैं कि उन्होंने कथित तौर पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का समर्थन स्वीकार कर लिया है।
जबकि केरल सीएम पी विजयन ने कहा है कि राहुल गांधी भाजपा से डर गए हैं।गुरुवार को कहा कि रोड शो के दौरान कांग्रेस अपना या इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) का झंडा नहीं दिखा सकी क्योंकि वह भाजपा से डरी हुई थी।
विजयन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के रुख से संकेत मिलता है कि वह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के वोट तो चाहती है, लेकिन उनका झंडा नहीं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कांग्रेस उस स्तर तक गिर गई है, जहां वह सांप्रदायिक ताकतों से डरती है।
बता दें कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट से भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की नेता एनी राजा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। केरल में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 26 अप्रैल को होगा।
वायनाड लोकसभा सीट पर हमेशा ही सबकी निगाह होती है। इस बार कांग्रेस पार्टी पर सवाल इसलिए खड़े हो गए हैं क्योंकि साल 2019 में जब इस निर्वाचन क्षेत्र में रोड शो हुआ था तब आईयूएमएल के झंडे कांग्रेस से ज्यादा दिखाई दे रहे थे। जबकि इस बार न तो कांग्रेस और न ही आईयूएमएल के झंडे दिखाई दिए।
विजयन ने कहा कि इस बार झंडे इसलिए नहीं दिखाई दिए क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आईयूएमएल के झंडों को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष किया था। साल 2019 में जब चुनावी अभियान चरम पर थे, तब वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने कांग्रेस नेता के रोड शो के दौरान आईयूएमएल के हरे झंडे होने पर कहा था कि क्षेत्र में एक जुलूस के दौरान यह समझना मुश्किल था कि यह भारत था या पाकिस्तान।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस अपने झंडे के पीछे के बलिदानों और इतिहास को भूल गई है। ऐसा लगता है कि वह संघ परिवार की इस बात को मान रही है कि वे अपने झंडे को त्याग दें।
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