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किडनी ट्रांसप्लांट अब आसान! वैज्ञानिकों ने बनाई ‘यूनिवर्सल किडनी’, हर ब्लड ग्रुप से होगी मैच

On: October 16, 2025 7:16 PM
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Universal Kidney: किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो लाखों मरीजों के लिए जीवनदान साबित हो सकता है। अब तक किडनी प्रत्यारोपण में सबसे बड़ी चुनौती डोनर और रिसीवर का ब्लड ग्रुप मैच होना रही है। इसी कारण मरीजों को महीनों या सालों तक डोनर का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब इस मुश्किल को खत्म करने की दिशा में वैज्ञानिकों ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है।

साइंस अलर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा और चीन के वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम ने “यूनिवर्सल किडनी” का सफल परीक्षण किया है। ऐसी किडनी जिसे किसी भी ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया जा सके। यह शोध किडनी ट्रांसप्लांट की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है।

10 साल की मेहनत का नतीजा

लगभग एक दशक के लगातार वैज्ञानिक प्रयासों के बाद, शोधकर्ताओं ने पहली बार ऐसी किडनी तैयार की है जो ब्लड ग्रुप की बाधा से मुक्त है। इस प्रयोग में एक मृत व्यक्ति के शरीर में यूनिवर्सल किडनी ट्रांसप्लांट की गई, जो कुछ दिनों तक सामान्य रूप से काम करती रही।

कैसे काम करती है यूनिवर्सल किडनी तकनीक

शोधकर्ताओं ने इस तकनीक में एंजाइम्स का उपयोग किया जो किडनी की कोशिकाओं से ब्लड टाइप ए के शुगर मॉलिक्यूल्स (एंटीजन) हटाकर उसे टाइप O जैसी न्यूट्रल किडनी में बदल देते हैं।

ब्रेन-डेड व्यक्ति पर सफल प्रयोग

वैज्ञानिकों ने इस यूनिवर्सल किडनी को एक ब्रेन-डेड व्यक्ति के शरीर में लगाया। तीन दिनों तक किडनी सामान्य रूप से काम करती रही। हालांकि तीसरे दिन हल्का इम्यून रिएक्शन देखा गया, लेकिन शरीर में टॉलरेंस विकसित होने के संकेत भी मिले यानी शरीर धीरे-धीरे नई किडनी को अपनाने लगा था।

जीवनदान देने वाली खोज

अभी यह तकनीक प्रारंभिक चरण में है, लेकिन यदि यह आगे के प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स में भी सफल रहती है, तो किडनी ट्रांसप्लांट की लंबी प्रतीक्षा सूची में खड़े लाखों लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होगी।

वर्तमान में टाइप O ब्लड ग्रुप वाले मरीजों को अपने जैसे ही डोनर का इंतजार करना पड़ता है। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में हर दिन करीब 11 लोग समय पर किडनी न मिलने के कारण जान गंवा देते हैं।

आगे की दिशा

वैज्ञानिक अब यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एंजाइम्स से हटाए गए एंटीजन कुछ समय बाद फिर क्यों लौट आते हैं और इस प्रक्रिया को लंबे समय तक स्थायी कैसे बनाया जा सकता है।

अगर यूनिवर्सल किडनी तकनीक आगे भी सफल साबित हुई, तो यह ऑर्गन ट्रांसप्लांट के इतिहास में सबसे बड़ी वैज्ञानिक छलांग मानी जाएगी, जिससे न केवल प्रतीक्षा समय घटेगा बल्कि हर साल हजारों जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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