रांची: जैन समुदाय के द्वारा गुजरात की ज्योद संस्था के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका 231/2025 पर 19 फ़रवरी 2025 को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मरांग बुरू संस्थान के द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका पर आदिवासियों की पक्ष को सुना गया है। हाईकोर्ट ने जैन समुदाय और राज्य सरकार को 17 मार्च के पहले इस पर जबाब देने को कहा है।
मालुम हो कि जैन समुदाय के द्वारा पारसनाथ पर्वत पर मांस मदिरा क्रय बिक्रय पर रोक लगाने के नाम पर आदिवासियों के प्रथागत अधिकार Costomary Right को समाप्त करने की साज़िश रचने के लिए एक जनहित याचिका दायर किया है ।
जिसके कारण आदिवासी समाज में भारी आक्रोश है।
आदिवासी समाज ने आरोप लगाया है कि जैन समुदाय ने आदिवासियों के धार्मिक स्थल मरांग बुरू युग जाहेर थान में अतिक्रमण किया है।
मधुबन में जंगलो को साफ कर कंक्रीट का भवन मठ मंदिर और धर्मशाला बनाया है। पारसनाथ पर्वत में वृक्षों और पत्थरों को काट कर 50 से भी अधिक मंदिर वन भूमि पर बना दिया है।
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