लैंड फॉर जॉब मामला: पूर्व सीएम लालू को बड़ा झटका,राष्ट्रपति ने दी केस चलाने की मंजूरी
पटना: कथित रूप से लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को बहुत बड़ा झटका लगा है। पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की चल रही जांच के दौरान राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम और पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है।
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति ने सीआरपीसी की धारा 197(1) और बीएनएसएस, 2023 की धारा 218 के तहत अनिवार्य अनुमति दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल अगस्त में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धन शोधन मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, उनके बेटे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
लालू यादव पर यह आरोप
लालू प्रसाद यादव पर आरोप हैं कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए उम्मीदवारों से रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी और आर्थिक लाभ प्राप्त किया था. पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से प्रसाद के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना स्थित अपनी जमीन बेची थी, वे ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थे.
बिना नोटिस या विज्ञापन के हुई थी बहाली!
रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. फिर भी जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के रूप में नियुक्त किया गया था. सीबीआई का कहना है कि इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी. चार्जशीट में सीबीआई ने लालू प्रसाद के अलावा राबड़ी देवी और 14 अन्य को आरोपी बनाया है।
- Advertisement -