रांची: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) द्वारा आयोजित “नेशनल पीआर कॉनक्लेव–2025” का सफलतापूर्वक समापन हुआ। आयोजन के दूसरे दिन सीसीएल मुख्यालय स्थित गंगोत्री कन्वेंशन सेंटर में संवाद, नवाचार और प्रेरणा से भरे विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया।
कॉन्क्लेव का प्रमुख विषय था:
“जनसंपर्क का पुनर्परिभाषण: सूचना से सहभागिता तक – डिजिटल युग के संदर्भ में”।
इस दो दिवसीय आयोजन में देशभर से जनसंपर्क विशेषज्ञ, मीडिया प्रोफेशनल्स, शिक्षाविद और छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत “रोल ऑफ रेडियो: इनफार्मेशन टू एंगेजमेंट, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में” विषय से हुई, जिसमें रेडियो ऑरेंज, नागपुर की सीईओ इनू मजूमदार ने रेडियो की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रेडियो केवल सूचना नहीं, बल्कि भावनाओं और समुदायों को जोड़ने का एक सेतु है।

इसके बाद “न्यू एज ऑफ पीआर इन द चेंजिंग डिजिटल वर्ल्ड” विषय पर डॉ. समीर कपूर, डायरेक्टर, एड फैक्टर्स, दिल्ली ने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि आज जनसंपर्क का नया युग (PR 2.0) डिजिटल मीडिया, यूट्यूबर्स और इंफ्लुएंसर्स द्वारा संचालित हो रहा है।
स्पेशल कवर (डाक टिकट) का लोकार्पण:
कॉन्क्लेव के एक अहम सत्र में “कोल इंडस्ट्री के लिए कस्टमाइज्ड स्टाम्प की प्रासंगिकता, गोल्डन जुबिली वर्ष के अवसर पर” विषय पर विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर कोल इंडिया के 50 वर्षों की यात्रा को समर्पित एक विशेष डाक कवर (कस्टमाइज्ड स्टाम्प टिकट) और स्मृति चिह्न “नवचेतना” का लोकार्पण किया गया।
इस भव्य लोकार्पण समारोह में सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री निलेंदु कुमार सिंह, निदेशक (वित्त) श्री पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (मानव संसाधन) श्री हर्षनाथ मिश्र तथा झारखंड डाक सेवा निदेशक श्री आर.वी. चौधरी उपस्थित रहे।
श्री निलेंदु कुमार सिंह ने कहा, “डाक टिकट केवल कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि भावनाओं का वाहक है, जो दिलों को जोड़ने का प्रतीक बनता है। डिजिटल युग में भी इसकी आत्मा जीवित है।”
“कैरियर इन पीआर एंड कम्युनिकेशन” सत्र में डॉ. विकास पाथे (सहायक प्रोफेसर, IIM रांची) ने छात्रों को जनसंपर्क के क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों की जानकारी दी।
“पॉजिटिव मीडिया मास्टरी: क्राफ्ट योर ब्रांड स्टोरी” में संजीव शेखर (कॉर्पोरेट अफेयर्स, अदाणी पावर) ने कहा कि ब्रांड की असली छवि तब प्रकट होती है जब लोग आपकी अनुपस्थिति में आपके बारे में क्या कहते हैं।
समापन सत्र “इंटरएक्टिव सेशन विद द बडिंग पीआर प्रोफेशनल्स” में छात्रों ने सीधे संवाद किया प्रसिद्ध एड गुरु प्रह्लाद कक्कड़ से। यह सत्र युवाओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा।
धन्यवाद ज्ञापन
समापन अवसर पर सीसीएल के सीसी एवं पीआर विभागाध्यक्ष आलोक कुमार गुप्ता ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह कॉन्क्लेव विचारों का संगम था, जिसने जनसंपर्क के भविष्य की एक नई दिशा निर्धारित की है।”
“नेशनल पीआर कॉनक्लेव–2025” ने यह स्पष्ट कर दिया कि जनसंपर्क अब केवल सूचना देने तक सीमित नहीं, बल्कि सहभागिता, सहानुभूति और सतत संवाद की प्रक्रिया बन चुका है, जो संगठनों को समाज से जोड़ता है और विश्वास की नई परिभाषा गढ़ता है।













