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कानून के क्षेत्र में युवा बना सकते है बेहतरीन कैरियर, देश की उन्नति के लिए अंतिम व्यक्ति तक कानून की पहुंच जरूरी

इनक्रीजिंग डाइवर्सिटी बाय इनक्रीजिंग एक्सेस (IDIA), राष्ट्रीय विधि अनुसंधान एवं शोध विश्वविद्यालाय, रांची (NUSRL, Ranchi) व निश्चय फाउंडेशन, झारखंड की छात्र हित में प्रेरक पहल

बच्चों ने आईनेट टेस्ट में लिया भाग, कानूनी अभिरुचि वाले बच्चों को कानून प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी हेतु मिलेगा नि:शुल्क प्रशिक्षण

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को कानून में कैरियर बनाने को प्रेरित करने की पहल बेहद सराहनीय पहल, इससे विद्यालय के बच्चों की सोच को मिलेगी नई दिशा – डॉ मिथिलेश कुमार, प्रधानाध्यापक

जमशेदपुर /पटमदा:-देश के अंतिम व्यक्ति तक कानून की पहुंच ही समाज में प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों की सुरक्षा करते हुए समाज में न्याय, शांति व समानता को बढ़ावा दे सकता है। इसके लिए कानूनी शिक्षा ग्रहण कर विधि क्षेत्र में कार्य युवाओं के लिए बेहतरीन कैरियर विकल्प हो सकता है। आई.डी.आई.ए, बेंगलुरु ( Increasing Diversity by Increasing Access) व निश्चय फाउंडेशन, झारखंड के संयुक्त तत्वाधान में पदमदा स्थित राज्य संपोषित +2 उच्च विद्यालय में कानूनी शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय विधि अनुसंधान एवं शोध विश्वविद्यालय, रांची (NUSRL, Ranchi) के विधि छात्र रजत तंवर, आयुष उन्नीकृष्ण, अभिषेक दत्ता, मेघा चौहान, शैलजा सिंह, शिखा शर्मा और कृष साहा ने निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार के नेतृत्व में लगभग 400 बच्चों को कानून के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल करने की संभावनाओं के बारे में जागरूक किया। इनक्रीजिंग डाइवर्सिटी बाय इनक्रीजिंग एक्सेस द्वारा वर्ग 9 वी से 12वी कक्षा के विद्यार्थियों को क्लैट (कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट ) व उसकी तैयारी के बारे में विस्तार से बताया। कानून के बारे में जानना, हमारे जीवन और समुदाय में कैसे परिवर्तन ला सकता है, इस बारे में बच्चों को कई उदाहरणों के माध्यम से प्रेरित किया गया।

आई.डी.आई.ए गरीब बच्चों को नि:शुल्क कानून की पढ़ाई करवाने हेतु कार्य करता है। आयोजन का उद्देश्य छात्रों को कानूनी शिक्षा के प्रति प्रेरित करना, इसके महत्व और संभावित अवसरों की गहरी समझ को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में दौरान बच्चों ने एक घंटे अवधि के आईनेट टेस्ट में भी भाग लिया। टेस्ट के माध्यम से कानून के प्रति रुचि रखने वाले छात्रों की पहचान की जायेगी, चयनित छात्रों को अगले 1-2 वर्ष की अवधि में कानून प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा।

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में कानूनी शिक्षा के प्रति अभिरुचि जगाने व उच्च शिक्षा ग्रहण करने को प्रेरित करने का प्रयास पटमदा समेत समूचे जिले के लिए बेहद अनोखा प्रयास है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ मिथिलेश कुमार व शिक्षको ने संस्था के प्रयास की सराहना की, बताया कि कार्यशाला से विद्यालय के बच्चों को अपने कैरियर के बारे में नई दिशा मिलेगी।

By JV