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रांची चिड़ियाघर में अब नहीं सुनाई देगी शेर शशांक की दहाड़, पेट में ट्यूमर बनी मौत की वजह

On: July 4, 2025 4:14 AM
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रांची: रांची के बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में शेर शशांक की बीमारी से मौत हो गई है। गुरुवार को डॉक्टरों की टीम ने शेर शशांक को मृत घोषित कर दिया। शशांक पिछले एक महीने से बीमार चल रहा था। राँची चिड़ियाघर में अब शेर शशांक की दहाड़ सुनाई नहीं देगी। वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार शेर शशांक की 15 वर्ष की उम्र में गुरुवार को मौत हो गई। शशांक को साल 2014 में बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा चिड़ियाघर से राँची जू लाया गया था। चिड़ियाघर के डॉक्टर ओपी साहू ने बताया कि 3 जुलाई 2025 की दोपहर 12:20 बजे शेर शशांक की मृत्यु हो गई।

शशांक को 2014 में बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा चिड़ियाघर से लाया गया था। रांची चिड़ियाघर के द्वारा जारी किए गए प्रेस रिलीज में बताया गया है कि शशांक एक हाइब्रिड शेर था। हाइब्रिड जंगली जानवरों में सामान्यतः रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और संक्रमण का खतरा अधिक होता है तथा इस नस्ल का औसत जीवन काल 15-16 वर्ष ही होता है। शशांक एक महीने से बीमार था। चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों और राँची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ. अभिषेक कुमार द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था, लेकिन शशांक को नहीं बचाया जा सका।

शशांक का पोस्टमार्टम डॉ. एमके द्वारा किया गया। राँची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग के डॉ. गुप्ता ने बताया कि मौत का कारण पेट में ट्यूमर होने का संदेह है। नमूने को आगे की जांच के लिए भेज दिया गया है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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